केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह पहल एक पायलट परियोजना के तहत की जा रही है, जिसका मकसद देश में स्वच्छ और सुरक्षित खाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने के वास्ते ऐसे अन्य फूड स्ट्रीट के विकास के लिए उदाहरण पेश करना और खाने से होने वाली बीमारियों में कमी लाकर लोगों का बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है।
पत्र में कहा गया है कि राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को प्रत्येक फूड स्ट्रीट बनाने के लिए एक करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें कहा गया है कि यह सहायता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 60:40 या 90:10 के अनुपात में इस शर्त पर दी जाएगी कि फूड स्ट्रीट की मानक ब्रांडिंग एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए की जाएगी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)