शहरों का परिवर्तित वर्गीकरण 1 अप्रैल 2014 से प्रभावी माना जाएगा और इससे 2014-15 के दौरान सरकारी खजाने पर 128 करोड़ का भार पड़ेगा। कम्युनिकेशन एंड आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 'सरकार ने 2011 की जनगणना के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस और ट्रांसपोर्ट अलाउंस की अनुमति देने के लिए कुछ शहरों/ कस्बों के पुर्नवर्गीकरण/ अपग्रेडेशन को मंजूरी दे दी है।
ये 21 शहर हैं- नेल्लोर, गुड़गांव, बोकारो स्टील सिटी, गुलबर्ग, त्रिचूर, मल्लापुलम, कन्नूर, कोल्लम, उज्जैन, वसई-विरार सिटी, मालेगांव, नांदेड़-वघाला, सांगली, राउरकेला, अजमेर, एरोड, नोएडा, फिरोजाबाद, झांसी, सिलिगुड़ी और दुर्गापुर।
बयान के मुताबिक ट्रांसपोर्ट अलाउंस के लिए छह शहरों-पटना, कोच्चि, इंदौर, कोयंबटूर और गाजियाबाद को अन्य जगहों के मुकाबले 'विशिष्ट उच्च श्रेणी में रखा गया है।
एचआरए के लिए जनसंख्या के मौजूदा आंकड़ों के वर्गीकरण के आधार पर वाई क्लास में 50 लाख से ज्यादा की जनसंख्या, वाई में 5-50 लाख की जनसंख्या और जेड में 5 लाख से कम की जनसंख्या वाले शहर रखे जाते हैं। (भाषा)