तोमर ने कहा है कि पहले निर्णय हुआ था कि किसान भाइयों के साथ अगले दौर की बातचीत 3 दिसंबर को होगी, लेकिन किसान अभी भी कड़ाके की सर्दी के बीच आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली में कोरोना महामारी का खतरा भी है इसलिए बातचीत पहले होनी चाहिए।
उस समय भी हमने उनसे आग्रह किया था कि वे आंदोलन के लिए न जाएं और सरकार वार्ता के लिए तैयार है। इससे पूर्व केंद्र सरकार ने 3 दिसंबर को बैठक की तारीख तय की थी जिसे किसानों ने ठुकरा दिया था। किसानों का कहना था कि जल्द से जल्द उनके मुद्दों को लेकर बात की जाए। किसानों के प्रदर्शन के बढ़ते आकार को देखते हुए सोमवार रात कृषिमंत्री ने बताया कि मंगलवार को किसान यूनियन के साथ बात करेंगे।
किसानों ने कहा कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वे उनके मन की बात सुनें। प्रदर्शनकारी किसानों के एक प्रतिनिधि ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।