राज्य सरकार ने माकपा नेता सुभासिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाउल और लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा की जनहित याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया। सरकार ने कहा कि क्षमादान को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता कुछ नहीं बल्कि दूसरों के काम में अड़ंगा डालने वाले हैं और इनका इस मामले से कुछ लेना-देना नहीं है।
गुजरात सरकार के गृह विभाग में अवर सचिव मयूरसिंह मेतुभा वाघेला द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है, 'मैं सम्मानपूर्वक यह बताता हूं कि जिन परिस्थितियों में यह याचिका दायर की गई है, उसका अवलोकन करने में यह पाया गया है कि याचिकाकर्ता पीड़ित व्यक्ति नहीं है बल्कि एक अजनबी है।'