सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी। एक कंपनी में करीब 100 या उससे अधिक जवान होते हैं तथा इस प्रकार 25,000 से अधिक जवानों को 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए तैनात किया जाएगा।
देश के चार राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और केरल तथा एक केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में अप्रैल और मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।
आधिकारिक सूत्र के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 250 कंपनियों को चुनावों में तैनात होने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारी ने बताया कि इन राज्यों में से पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ की सबसे अधिक 125 कंपनियां तैनात की जायेंगी। इसके बाद तमिलनाडु में 45, असम में 40, केरल में 30 और पुड्डुचेरी में 10 कंपनियां तैनात की जायेंगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में हाल में चुनाव आयोग और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।
केंद्रीय बलों में सबसे अधिक सीआरपीएफ की 85 कंपनियां, इसके बाद बीएसएफ की 60 कंपनियां, और आईटीबीपी की 40 कंपनियां शामिल हैं। बाकी बल सीआईएसएफ और एसएसबी से लिये जायेंगे। करीब 75 कंपनियां रिजर्व के तौर पर रखी जायेंगी जिनका इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जाएगा। (वार्ता)