श्री सम्मेद शिखरजी पवित्र तीर्थ स्थल ही रहेगा, केंद्र सरकार ने टूरिस्ट प्लेस का दर्जा लिया वापस

गुरुवार, 5 जनवरी 2023 (20:25 IST)
नई दिल्ली। झारखंड के 'सम्मेद शिखर जी' तीर्थ स्थल (Jharkhands Sammed Shikhar Ji' pilgrimage site) को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने इसको लेकर नया नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके बाद 'श्री सम्मेद शिखर' झारखंड में तीर्थ स्थान ही रहेगा। मोदी सरकार ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह नोटिफिकेशन जारी किया है।


केंद्र सरकार ने गुरुवार को झारखंड में जैनियों के धार्मिक स्थल ‘सम्मेद शिखरजी’ से संबंधित पारसनाथ पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी और झारखंड सरकार को इसकी शुचिता अक्षुण्ण रखने के लिए तत्काल सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया।
 
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक कार्यालय ज्ञापन भेजा है।
 
यह घटनाक्रम इस मुद्दे पर दिन के पूर्वार्द्ध में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की जैन समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात के बाद सामने आया है। 
 
यादव ने आश्वासन दिया था कि सरकार 'सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र' की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जो न केवल जैन समुदाय, बल्कि पूरे देश के लोगों के लिए एक पवित्र स्थल है।.
 
झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थस्थल है।
 
समुदाय के सदस्य पारसनाथ पहाड़ी पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के राज्य सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं।
 
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अगस्त 2019 में पारसनाथ अभयारण्य के आसपास एक पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र अधिसूचित किया था और राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसरण में पर्यावरण-पर्यटन गतिविधियों को मंजूरी दी थी।
 
मंत्रालय ने झारखंड सरकार के वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया, जिसमें कहा गया है कि 'पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र इस क्षेत्र में अधिसूचना के खंड तीन के प्रावधानों का कार्यान्वयन तत्काल रोका जाता है, जिसमें अन्य सभी पर्यटन और पर्यावरण-पर्यटन गतिविधियां शामिल हैं।'
 
राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।
 
इस बीच, विभिन्न जैन समूहों के प्रतिनिधियों ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद ज्ञापित करने को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया और कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके सबसे पवित्र तीर्थ स्थल की पवित्रता बनी रहेगी।
 
उन्होंने एक बयान में कहा कि हमारी चिंताओं को दूर कर दिया गया है और इस मुद्दे को हमारी संतुष्टि के अनुरूप सुलझा लिया गया है।
 
पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र की पवित्रता और "जैन समुदाय के साथ-साथ राष्ट्र के लिए इसके महत्व को पहचानती है; और इसे बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है।
 
केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकार को भी पारसनाथ पहाड़ी पर शराब और मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करना चाहिए।
 
इससे पहले, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने गुरुवार को कहा था कि झारखंड में अपने एक पवित्र स्थल की सुरक्षा की मांग कर रहे जैन समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
 
रेड्डी ने कहा था कि केंद्र सरकार पहले ही इस मुद्दे को झारखंड सरकार के सामने उठा चुकी है और उन्होंने खुद इस मुद्दे को उठाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है।

कमलनाथ ने दी बधाई : मध्यप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फैसले पर खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आपके संघर्ष के सामने भारत सरकार को अंततः झुकना पड़ा और पूज्य एवं पवित्र स्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल की सूची से बाहर करना पड़ा। 
 
संघर्ष के इस पथ पर पूज्य मुनि श्री सुज्ञेयसागर जी महाराज ने अपने दिव्य प्राणों की आहुति दी और भारतवर्ष के जैन समाज के लाखों साथियों को कड़ाके की सर्दी में सड़कों पर आंदोलन हेतु उतरना पड़ा।
 
कितना सुखद होता कि जैन समाज के मानस को पीड़ा दिए बिना भाजपा सरकार समाज की धार्मिक भावनाओं से जुड़ी मांग को सरलता और सहजता से पहले ही सहर्ष स्वीकार कर लेती परंतु सत्य को  स्वीकारने के स्थान पर टालमटोल की राजनीति की गई।
 
मैं जैन समाज के "सम्मेद शिखर जी बचाओ संघर्ष" को प्रणाम करता हूं और धर्म की जीत के लिए सकल जैन समाज को शुभकामनाएं देता हूं।


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