दुनियाभर में दिखा सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण, जम्मू में ब्लड मून का नजारा
शनिवार, 28 जुलाई 2018 (07:36 IST)
नई दिल्ली। जैसे ही घड़ी की सुइयों में रात के 11 बजकर 54 मिनट हुए, वैसे ही भारत में सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण की शुरुआत हो गई। रात में पूर्ण चंद्रग्रहण की शुरुआत रात 1 बजे से शुरू हो गई। रात 1 बजे चंद्रमा जम्मू में 'ब्लड मून' की तरह दिखाई दे रहा था। चंद्रग्रहण तड़के 3 बजकर 49 मिनट तक रहा।भारत समेत दुनियाभर में लोगों ने चंद्रग्रहण को देखा।
भारत में कहां-कहां दिखाई दिया चंद्रग्रहण : भारत में इन दिनों कई राज्यों में बारिश का मौसम है जबकि कई राज्य सूखे से जूझ रहे हैं। वाराणसी में बादलों का डेरा नहीं होने से चन्द्रग्रहण को देखा जा रहा था। अहमदाबाद में भी चांद आहिस्ता-आहिस्ता गुम होता दिखाई दे रहा था। नोएडा में हल्के बादलों के बाद भी लोगों ने चन्द्रग्रहण देखा। चंद्रग्रहण को जयपुर और जम्मू में भी देखा गया।
दिल्ली में नहीं दिखा चंद्र ग्रहण: दिल्ली के नेहरू तारामंडल में बीती रात करीब 2,000 लोग दुर्लभ खगोलीय घटना सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण को देखने के लिए जुटे, लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा क्योंकि इनकी आंखों और चांद के बीच बादलों ने पूरी तरह से पर्दा डाल दिया। लोगों ने मध्यरात्रि के बीतने की प्रतीक्षा भी की कि कभी तो बादल हटेगा और वे चांद देख पाएंगे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
अबू धाबी में चांद का एक टुकड़ा काला पड़ा : भारत में भले ही आंशिक चन्द्रग्रहण की शुरुआत रात 11.54 में हुई हो लेकिन दुबई से जो चित्र मिल रहे हैं, उसमें दमकते हुए चांद का एक बड़ा-सा हिस्सा काला पड़ चुका था। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में आधा चांद ढक गया है। इस दृश्य को हजारों लोगों देखा।
वाराणसी में लोगों ने किया गंगा स्नान : आंशिक चन्द्रग्रहण की शुरुआत होते ही वाराणसी में हजारों श्रद्धालु पवित्र गंगा नदी में स्नान करने में जुट गए। यहां पर लोगों को रात की चिंता नहीं थी, बल्कि चंद्रग्रहण के प्रभाव से खुद को पवित्र करने की भावना हिलौरे ले रही थी। यहां पर बड़ी संख्या में महिला और पुरुष गंगा के घाट पर कमर-कमर तक के पानी में खुद को डुबोते हुए बाबा भोलेनाथ के जयकारे लगा रहे थे।
अगला पूर्ण चंद्रग्रहण भारत में 2123 में : 27 जुलाई 2018 के बाद भारत में अगला चंद्रग्रहण 2123 में दिखाई देगा। हालांकि 10 सालों के बाद 31 दिसम्बर 2028 को भी चंद्रग्रहण होगा, लेकिन यह सिर्फ पूर्वोत्तर में ही दिखाई देगा। आज चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूरी पर है, इसी कारण यह इतना लंबा चंद्रग्रहण पड़ा है।
आज जिन लोगों ने चंद्रग्रहण देखा होगा, उन्हें ये भी याद होगा कि इससे पहले यह नजारा 18 साल पहले 2000 में देखा होगा। 2000 में चंद्रग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ा था और आज भी ये गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ा है।