मिशन चंद्रयान -2 को लेकर शुक्रवार का दिन बेहद अहम होने वाला है। शुक्रवार को आधी रात के बाद मिशन चंद्रयान चांद की सतह पर अपने कदम रखेगा। प्रक्षेपण के 48 वें दिन शुक्रवार की रात 1.40 बजे लैंडर विक्रम अपनी आखिरी यात्रा शुरू करेगा। इसके करीब 15 मिनट बाद उसके चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद है। इस लैंडिग के लिए इसरो ने पूरी तैयारी कर ली है। चंद्रयान -2 के लिए यह बेहद रोमांचक और महत्वपूर्ण है इसके लिए इसरो अध्यक्ष डॉक्टर के. शिवन ने इसे डरावना पल (डेंजर टाइम) करार दिया है।
इसरो अध्यक्ष डॉक्टर के शिवन के मुताबिक चंद्रयान 2 की सफलता में आखिरी के 15 मिनट बहुत महत्वपूर्ण होंगे। लैंडिंग के आखिरी पंद्रह मिनट के दौरान लैंडर विक्रम की स्पीड बहुत कम करनी होगी। इस स्पीड को कम करना इसरो के वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती है इसके लिए लैंडर विक्रम की स्पीड कम करने लिए थ्रस्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। स्पीड कम करके इसी चंद्रमा की सतह पर सॉफ्टर लैंडिंग कराई जाएगी।
भारत बनेगा चौथा देश – अगर चंद्रयान -2 की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग हो जाती है तो ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। भारत से पहले अमरीका,रूस और चीन इस उपलब्धि को हासिल कर सके है। भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बेंगलुरु के इसरो मुख्यालय जाएंगे। शुक्रवार को आधी रात को 1.40 मिनट बजे लैंडर विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर दो क्रेटरों की सीध में पहुंचेगा और वहां से लैंडिंग के लिए अपनी यात्रा शुरू करेगा।