'चंद्रयान 2' के प्रक्षेपण के कुछ ही मिनट बाद कांग्रेस ने कहा कि यह 1962 में इनकोस्पर के मार्फत अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए निधि उपलब्ध कराने में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की दूरदृष्टि को याद करने का सही समय है। इनकोस्पर ही बाद में इसरो बना। डॉ. मनमोहन सिंह को भी 2008 में 'चंद्रयान 2' परियोजना को मंजूरी देने के लिए याद किया जाए।
कुछ मीम में साइकल या बैलगाड़ी पर रॉकेट के कुछ हिस्से ले जाने के चित्र और एक बैलगाड़ी पर आर्यभट्ट उपग्रह के हिस्से ले जाने की तस्वीर सामने आई। एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि इसरो वैज्ञानिक बैलगाड़ी में उपग्रह ले जाते थे जबकि इंदिरा अपने पोते की भव्य जन्मदिन पार्टी हवाई जहाज में मनाती थीं। एक अन्य ट्वीट में यह कहकर मजाक उड़ाया गया कि नेहरू चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे।