गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा-अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रोहिणी अमृत योग की शुभ बेला पर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर पुजारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में गंगोत्री के कपाट खोल दिए गए। इस दौरान मेल-जोल से दूरी के नियम का पूर्ण रूप से अनुपालन किया गया तथा वहां मौजूद सभी व्यक्तियों ने मास्क पहने हुए थे।
कल शनिवार को मां गंगा की डोली उनके मायके एवं शीतकालीन प्रवास मुखबा से भैरोंघाटी आई और वहां रात्रि विश्राम के बाद सुबह गंगोत्री पहुंची, जहां पूर्ण विधि-विधान के साथ गंगाजी की भोग मूर्ति को मंदिर के भीतर विराजमान किया गया।
इससे पहले दोनों धामों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीपी जोशी के नेतृत्व में मेडिकल टीम द्वारा कपाट खुलने के समारोह में शामिल सभी तीर्थ पुरोहितों का मेडिकल परीक्षण किया गया। साथ ही मौके पर सैनिटाइजर, मास्क आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।