देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियों में इन दिनों अचानक शुरू हुई बारिश से खलल शुरू हो गया है। केदारनाथ पैदल मार्ग में बर्फ हटाना मुसीबत बन गया है।बद्रीनाथ में भी बर्फ पड़ रही है। चमोली जिले के हेमकुंट समेत अन्य तमाम जगहों पर भी एक बार फिर बर्फ पड़ने से तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। मौसम के अचानक नासाज होने से चारों धामों की तैयारियों में फर्क पड़ा है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार से मौसम के और अधिक बिगड़ने की चेतावनी जारी की है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री, यमुनोत्री तीर्थ और चमोली जिले में बद्रीनाथ और हेमकुंट तीर्थ आते हैं जबकि रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ तीर्थ स्थित है।इनके अलावा पञ्च बद्री और पञ्च केदार तीर्थ के साथ पञ्च प्रयाग तीर्थ भी यहां हैं।
सभी के खुलने की तिथियां सामने आने के बाद इनकी तैयारियों में मौसम में आए बदलाव से लगे ब्रेक ने कारोबारियों को परेशान कर डाला है। यात्रा मार्गों पर पड़ी बर्फ के बीच कुछ बर्फ को काटकर किसी तरह केदार मार्ग को साफ़ किया जा रहा था, लेकिन अब बर्फ पड़ने से ये मार्ग फिर से अवरुद्ध हो गया है जिसकी सफाई के प्रयास फिर से करने होंगे।
मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में बर्फबारी की संभावना जताई है। देहरादून और नैनीताल जिलों में भारी बारिश की संभावना के अलावा हरिद्वार, पौड़ी उधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश की भी संभावना जताई गई है।
मसूरी में गुरुवार रात से हो रही बारिश के चलते कड़ाके की सर्दी तो पड़ ही रही है साथ में बारिश से सेवॉय होटल का पुश्ता गिर जाने से कई वाहन इसकी चपेट में आने से दब गए।हालांकि यह राहत की बात है कि कोई जनहानि नहीं हुई।गुरुवार रात जोरदार ओलावृष्टि भी मसूरी में हुई।
केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को केदारनाथ धाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा के लिए गया।प्रतिनिधिमंडल ने केदार सभा के ऑफिस के निर्माण के लिए जगह चयनित की।केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, कार्यकारिणी सदस्य आचार्य संतोष त्रिवेदी, विमल त्रिवेदी, भरत भूषण आदि तीर्थ पुरोहित थे।प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि आगामी यात्रा सीजन धर्मशाला में रहने के लिए दिक्कत हो सकती है। पैदल रास्ता भी खराब है।
कियोस्क स्कैनर लगाकर तीर्थयात्रियों को उपलब्ध कराई जाएगी घोड़े खच्चरों की जानकारी : केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चर, हॉकर व संचालकों के बारे में पूरी जानकारी तीर्थयात्रियों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीन स्थानों पर कियोस्क स्कैनर लगाने की योजना बना रहा है। इस सुविधा से घोड़ा-खच्चरों के संचालन को बेहतर करने में मदद मिलेगी।
पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर संचालकों की मनमानी से यात्रियों से अधिक किराया राशि वसूलने के साथ ही अभद्रता की शिकायतें आने के चलते यह व्यवस्था की गई है। पिछले यात्रा सीजन में तो यात्रा मार्ग पर 351 घोड़ा-खच्चरों की मौत ने पूरी व्यवस्था को ही सवालों के घेरे में ला दिया था। मामला केंद्र सरकार तक पहुंचा, जिसके बाद व्यवस्था में सुधार के प्रयास किए गए।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीन स्थानों पर लगने वाले कियोस्क स्कैनर स्क्रीन पर घोड़ा-खच्चर के टैग व हॉकर के पंजीकरण कार्ड को टच करते हुए संबंधित के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। यह पहला मौका है, जब केदारनाथ यात्रा में यह तकनीक अपनाई जा रही है।
कियोस्क एटीएम मशीन की तरह की एक प्रणाली है जिसमें कंप्यूटर की तरह हार्ड डिस्क, रैम आदि लगाया जाता है। हार्ड डिस्क में पूरा डाटा अपलोड होता है। इस डाटा को एक सॉफ्टवेयर के जरिए इंटरनेट के माध्यम से संचालित कियोस्क स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाता है। अल्ट्रा फ्रीक्वेंसी चिपयुक्त कार्ड को स्क्रीन पर टच करते ही एक-एक सूचना डिस्प्ले हो जाती है। इसमें फीडबैक सिस्टम भी लगाया जाएगा, जिससे यात्री सुविधाओं का मूल्यांकन कर रैंकिंग कर सकें।
Edited By : Chetan Gour