उन्होंने कहा, 'यह बहुत-बहुत अपूर्ण कानून है। यह वह कानून नहीं है जिसकी हमनें (संप्रग ने) परिकल्पना की थी..बहरहाल जो लागू किया है, उसमें सात या संभवत: अधिक दर हैं। यह जीएसटी का मजाक है।
उन्होंने सवाल किया, 'जब 0.05, 3, 5, 12, 18, 28 एवं 40 या संभवत: उससे अधिक दरें हैं क्योंकि राज्य सरकारों के पास विवेकाधिकार होगा, हम इसे एक देश एक कर प्रणाली कैसे कह सकते हैं।'