जम्मू। चीन ने लद्दाख सीमा के उन इलाकों से अपने सैनिकों व साजो-सामान को करीब 3 किमी पीछे हटा लिया है, जहां उसने पिछले महीने घुसपैठ की थी। 7 दिनों में उसने अपनी फौज को 5 किमी पीछे हटाया है। पर भारत को भी उसकी शर्त माननी पड़ी है और भारतीय जवानों को भी अपने ही इलाके में ढाई किलोमीटर पीछे आना पड़ा है।
आधिकारिक सूत्रों के बकौल, चीन के सैन्य दल और इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स गलवान इलाके से 35 किमी पीछे हट गए हैं। जानकारी के लिए पिछले करीब एक महीने से इस क्षेत्र में करीब 5000 चीनी सैनिक तोपखानों और टैंकों के साथ आ डटे थे और उन्होंने पूरी गलवान घाटी पर अपना कब्जा घोषित करते हुए मोर्चाबंदी कर ली थी।
चीनी सेना की इस हरकत के बाद भारतीय सेना ने भी लेह स्थित 14वीं कोर के हजारों सैनिकों को क्षेत्र में टैंकों के साथ रवाना कर दिया और दोनों ही फौजें एक माह से आमने-सामने मोर्चाबंदी करके युद्धाभ्यास में जुटी हुई थी। 3 जून को भी चीन ने अपनी फौज कुछ किमी पीछे हटा ली थी और अब दोनों के बीच ले जनरल स्तर की बैठक के बाद उसने कुछ कदम और पीछे लिए हैं।
इस विवाद पर 6 जून को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की मीटिंग के बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों देश सीमा पर द्विपक्षीय समझौतों के जरिए शांतिपूर्ण ढंग से विवाद का हल निकालने को तैयार हैं। यह मीटिंग चुशुल-मोल्डो इलाके में चीन के क्षेत्र में हुई।
विदेश मंत्रालय ने बताया था- दोनों पक्ष स्थिति को ठीक करने और बॉर्डर के इलाके में शांति बनाए रखने के लिए सैन्य और कूटनीतिक कार्रवाई जारी रखेंगे। दोनों देशों के आपसी संबंधों का यह 70वां साल है। दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि जल्द ही एक प्रस्ताव लाया जाएगा, जिससे दोनों देशों के संबंधों में विकास हो सके।
दोनों सेनाओं के बीच उस समय गतिरोध शुरू हुआ जब भारत द्वारा गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी के साथ-साथ पेंगोंग झील के आसपास फिंगर इलाके में महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण शुरू किया गया और चीन ने इसका विरोध किया।
पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब खराब हुई जब बीते 5 मई को पेंगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ था, जिसमें दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे। यह घटना अगले दिन भी जारी रही।
इसके बाद दोनों पक्ष ‘अलग’ हुए, लेकिन गतिरोध जारी रहा। इसी तरह की एक अन्य घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाथू ला दर्रे के पास दोनों देशों के लगभग 150 सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।
हालिया सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कई राउंड की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत हो चुकी है। जिसके बाद दोनों देश तनाव कम करने और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद के समाधान के लिए सहमत हुए हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने आगे बातचीत जारी रखने को भी कहा है।