अनुसंधानकर्ता एमी कैंपबेल ने कहा,इस मॉडल से संतोषजनक नतीजे मिले हैं और हैजा से संबंधित विभिन्न आंकड़ों के उपयोग से इसमें बहुत सारी संभावनाएं हैं।हैजा, पानी से फैलने वाला रोग है जो दूषित जल पीने या खाना खाने से फैलता है।
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि वैश्विक ऊष्मा और मौसम में आ रहे बदलाव के कारण हैजा को फैलने में मदद मिल रही है। वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष 13 लाख से 40 लाख लोग इस महामारी की चपेट में आते हैं जिनमें से 1,43,000 लोगों की मौत हो जाती है।