राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार नायडू ने कांग्रेस सहित सात दलों के नोटिस को नामंजूर करने के अपने फैसले की जानकारी राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा को दे दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नायडू के फैसले की पुष्टि करते हुए बताया कि सभापति ने वर्मा से कहा है कि वे नोटिस देने वाले सदस्यों को उसे नामंजूर किए जाने की जानकरी से अवगत करा दें।’’
अधिकारी ने बताया कि नायडू ने देश के शीर्ष कानूनविदों से इस मामले के सभी पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि नोटिस में न्यायमूर्ति मिश्रा पर लगाए गए कदाचार के आरोपों को प्रथम दृष्टया संविधान के अनुच्छेद 124 (4) के दायरे से बाहर पाए जाने के कारण इन्हें अग्रिम जांच के योग्य नहीं माना गया। राज्यसभा सचिवालय नोटिस देने वाले सदस्यों को इसे स्वीकार नहीं करने के नायडू के फैसले के मुख्य आधारों से भी अवगत कराएगा।