कोलकाता। teacher recruitment scam : एसएससी घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल में संग्राम मचा हुआ है। इस पूरे मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का बड़ा बयान सामने आया है। बनर्जी ने कहा कि अगर कोई भी गलत काम करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे उम्रकैद की सजा दी जानी चाहिए।
ईडी पश्चिम बंगाल के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। घोटाले को लेकर भाजपा के निशाने पर आई ममता ने कहा कि एक निश्चित समय सीमा के अंदर सच्चाई के आधार पर फैसला दिया जाना चाहिए। अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जाती है।
ममता ने ईडी द्वारा स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह बयान दिया है। बनर्जी ने राज्य सरकार के एक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए उनके खिलाफ चलाए गए दुर्भावनापूर्ण अभियान के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वे भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हैं।
उन्होंने कहा कि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। एक समयसीमा होनी चाहिए, जिसके भीतर सच और अदालत का फैसला सामने आना चाहिए। अगर कोई दोषी साबित होता है तो उसे सजा दी जानी चाहिए। पार्टी भी कार्रवाई करेगी। लेकिन, मैं अपने खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान की आलोचना करती हूं।
भाजपा ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें बनर्जी को अर्पिता मुखर्जी से बातचीत करते हुए देखा गया है, जिसके घर से 22 करोड़ रुपए नकद मिले हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का उससे कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि पार्टी का उस महिला से कोई भी रिश्ता नहीं है और न ही मैं उसे जानती हूं। मैं कई कार्यक्रमों में जाती हूं, अगर कोई मेरे साथ तस्वीर खिंचाता है तो क्या यह मेरी गलती है?
भाजपा पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि अगर उसे लगता है कि वह केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर तृणमूल कांग्रेस को तोड़ सकती है, तो वह गलत है। उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि क्या यह जांच मेरी पार्टी और मुझे बदनाम करने की साजिश है। मैं न तो भ्रष्टाचार का समर्थन करती हूं और न ही इसे बढ़ावा देती हूं।
ईडी ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई भर्तियों में अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में शनिवार को पश्चिम बंगाल के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। यह घोटाला उस समय हुआ जब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे।
12 मुखौटा कंपनियां चला रही थीं अर्पिता : ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी बताई जा रही अर्पिता मुखर्जी 12 मुखौटा कंपनियां चला रही थीं और वह ऐसा मुख्य रूप से 'आर्थिक हेरफेर' के लिए कर रही थीं। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार शाम को मुखर्जी के जोका स्थित फ्लैट की तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज़ बरामद किए गए थे जो “ऐसी कंपनियों के होने का समर्थन करते हैं।
अभिनेता के शामिल होने का शक : उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारियों को कम पहचाने जाने वाले एक अभिनेता के साथ-साथ ओडिशा एवं तमिलनाडु के अलग अलग प्रोड्क्शन हाउस के लोगों के शामिल होने का शक है। मुखर्जी ने भी कई बंगाली और उड़िया फिल्मों में काम किया है।
अधिकारी ने कहा कि हमें अर्पिता के जोका स्थित फ्लैट से दस्तावेज़ मिले हैं जो संकेत देते हैं कि वह आर्थिक हेरफेर के लिए कई मुखौटा कंपनियों का संचालन कर रही थी। हमारे पास ऐसी 12 कंपनियों के दस्तावेज़ हैं। ओडिशा और तमिलनाडु के लोगों की संलिप्तता हो सकती है। इनके बारे में हमारा मानना है कि उन्होंने पैसे को इधर-उधर किया है। एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि ईडी ओडिशा और तमिलनाडु में कुछ लोगों पर कड़ी निगाह रख रही है और उनसे जल्द पूछताछ की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं क्या अर्पिता ने किसी फिल्म प्रोडक्शन हाउस में निवेश किया है। हमारे पास ऐसा मानने के लिए कई दस्तावेज़, फाइल और हस्ताक्षर किए गए दस्तावेज़ हैं।
कोलकाता की एक अदालत ने रविवार को अर्पिता मुखर्जी को एक दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया था। उन्हें उनके आवास पर लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था जहां से बड़ी मात्रा में नकद और अन्य कीमती सामान कथित रूप से बरामद हुआ था।