ला नीना के प्रभाव के चलते सर्दियों में शीतलहर तेज चलेगी, जिससे आगामी दिनों में कड़ाके की ठंड देखने को मिल सकती है। अनुमान के मुताबिक नवंबर और दिसंबर के पहले 15 दिन धीरे-धीरे तापमान गिरेगा, वहीं दिसंबर के 15 दिन बाद पहाड़ी राज्यों से मैदानी इलाकों में सर्द हवाएं चलेंगी जिससे कड़ाके की ठंड देखने को मिलेगी।
क्या होता है ला नीना प्रभाव : प्रशांत महासागर में पानी और हवा के सतही तापमान से ही बारिश, गर्मी और ठंड का पैटर्न तय होता है। ला-नीना प्रभाव में प्रशांत महासागर में दक्षिणी अमेरिका से इंडोनेशिया की तरफ हवाएं चलती हैं, जो सतह के गरम पानी को उड़ाने लगती हैं। इसका असर ये होता है कि सतह पर ठंड पानी उठने लगता है। इससे सामान्य से ज्यादा ठंडक पूर्वी प्रशांत के पानी में देखी जाती है। ला नीना प्रभाव के चलते ठंड में हवाएं तेज चलती हैं। इससे भूमध्य रेखा के पास सामान्य से ज़्यादा ठंड हो जाती है। इसी का असर मौसम पर पड़ता है।
इन राज्यों में रहेगा शीत लहर का असर: शीतलहर के प्रकोप में रह सकते हैं ये राज्य- जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश को कवर करेगा, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा के माध्यम से और तेलंगाना।