कांग्रेस ने महंगाई को लेकर सरकार को घेरा, भाजपा पर लगाया चालबाजी का आरोप

रविवार, 22 मई 2022 (17:16 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने के एक दिन बाद रविवार को भाजपा पर 'चालबाजी' के जरिये 'भ्रम' पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि लोग रिकॉर्ड महंगाई से वास्तविक राहत पाने के हकदार हैं।
 
कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने एक ट्वीट के जरिये 1, मई 2020 और आज के पेट्रोल के दामों की तुलना की और कहा कि 'सरकार को लोगों को मूर्ख बनाना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने लिखा, 'पेट्रोल की कीमतें - 1 मई, 2020: 69.5 रुपए, 1 मार्च 2022: 95.4 रुपए, 1 मई 2022: 105.4 रुपए, 22 मई 2022: 96.7 रुपए। अब, पेट्रोल के दाम में फिर से रोजाना 0.8 रुपए और 0.3 रुपए बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।'
 
उन्होंने ट्वीट किया, 'सरकार को लोगों को मूर्ख बनाना बंद कर देना चाहिये। लोग रिकॉर्ड महंगाई से वास्तविक राहत पाने के हकदार हैं।'
 

Petrol Prices

May 1, 2020: 69.5 rupee
Mar 1, 2022: 95.4 rupee
May 1, 2022: 105.4 rupee
May 22, 2022: 96.7 rupee

Now, expect Petrol to see ‘Vikas’ in daily doses of 0.8 rs and 0.3 rs again.

Govt must stop fooling citizens. People deserve genuine relief from record inflation.

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 22, 2022
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने मोदी सरकार पर 'राजनीतिक नौटंकी में आगे' और राहत देने में पीछे रहने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रबंधन के बारे में भाजपा सरकार की अनभिज्ञता लंबे समय से जगजाहिर है। इसे स्वीकार करने और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेने के बजाय, भाजपा चालबाजी के जरिये भ्रम पैदा करने की कोशिश करती है।
 
उन्होंने कहा कि इसी तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कई कदमों की घोषणा की, जिनका मकसद भ्रम पैदा करना है।
 
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए तर्क दिया, 'वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 6 रुपए प्रति लीटर की कमी की घोषणा की। हालांकि यह एक महत्वपूर्ण कमी लग सकती है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।' उन्होंने कहा कि साल 2014 में उत्पाद शुल्क 9.48 रुपए था और 2022 में यह 19.9 रुपए हो गया।
 
वल्लभ ने कहा, तीन कदम आगे बढ़कर दो कदम पीछे लौटने का मतलब यह नहीं होता कि इससे आम आदमी के जीवन में कोई फर्क पड़ा है। अप्रैल 2014 में डीजल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपए था जबकि मई 2022 में यह 15.8 रुपए है। उन्होंने कहा, 'कीमतें मार्च 2022 के समय पर लौट आई हैं। क्या आम लोग मार्च 2022 में ईंधन की कीमतों से खुश थे? जवाब है नहीं।
 
वल्लभ ने कहा कि पेट्रोल की कीमतों में पिछले 60 दिनों में 10 रुपए प्रति लीटर रुपए की वृद्धि होती है और फिर 9.5 रुपए प्रति लीटर की कटौती की जाती है। क्या यह चालबाजी नहीं है?
 
उन्होंने कहा कि डीजल के दामों में पिछले 60 दिनों में 10 रुपए प्रति लीटर का इजाफा होता है और फिर 7 रुपए प्रति लीटर की कमी की जाती है। यह कैसा कल्याण है?
 
मई-2014 और मई-2022 के बीच रसोई गैस की कीमतों में 142 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले 18 महीनों में एलपीजी की कीमतों में 400 रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है। 200 रुपए की कटौती का मतलब लोगों का कल्याण नहीं है, बल्कि कम मात्रा में खून चूसना है।

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