कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि देश में 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बैंक घोटाला हुआ है। बैंकों से देश की जनता का विश्वास खत्म हो रहा है इसलिए इस पर मोदी को खुद जनता को विश्वास में लेना चाहिए था और इस बारे में बयान देना चाहिए था। प्रधानमंत्री के साथ ही वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक को भी इस बारे में बोलना चाहिए। लेकिन आश्चर्य की बात है कि मोदी सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री इस पर बयान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को मालूम था कि देश लुट रहा है, फिर भी घोटालेबाजों को बैंक ऋण देने के लिए साख की सीमा बढ़ाई गई, ऋण देने के नियमों में छूट दी गई और अकेले 2017 में 151 लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एलओयू) दिए गए जिनके आधार पर बैंकों ने ऋण दिया। यह सब सरकार को मालूम था, लेकिन ऋण लेने वाले सरकार के चेहते थे इसलिए सारे नियम ताक पर रखे गए और घोटाला कराया गया।
सिब्बल ने कहा कि देश की सूचीबद्ध आभूषण कंपनियों की वास्तविक पूंजी 46 अरब रुपए है, लेकिन बैंकों ने उन्हें उनकी साख से भी ज्यादा ऋण दिया है। पूरे घोटाले की जानकारी मोदी को थी इसलिए इस बारे में खुद सामने आने की बजाय मंत्रिमंडल के सहयोगियों से लीपापोती कराई जा रही है। (वार्ता)