कांग्रेस ने पॉडकास्ट साक्षात्कार को लेकर मोदी पर साधा निशाना, कहा- ट्रंप के सुर में सुर मिला रहे हैं प्रधानमंत्री

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 17 मार्च 2025 (11:51 IST)
Congress targeted Modi: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के एक पॉडकास्ट (podcaste) साक्षात्कार की बातों को लेकर सोमवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि वैश्विक संगठनों को अप्रासंगिक बताए जाने को लेकर वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर में सुर मिला रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन (Lex Friedman) को दिए साक्षात्कार में व्यक्तिगत, राजनीतिक और अतंरराष्ट्रीय बिंदुओं पर विस्तार से बात की।ALSO READ: पाकिस्तान, चीन, गुजरात दंगे, PM मोदी के पॉडकास्ट की बड़ी बातें
 
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट रूप से ट्रंप को खुश रखने के लिए कुछ भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिन अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भारत को काफी फायदा हुआ है, वे अप्रासंगिक हो गए हैं। यह तो अमेरिकी राष्ट्रपति की भाषा है। उन्होंने दावा किया कि वास्तव में यह ट्रंप ही हैं, जो उन्हें अप्रासंगिक बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और अब प्रधानमंत्री मोदी 'अपने अच्छे दोस्त' के सुर में सुर मिला रहे हैं।ALSO READ: क्या PM मोदी को मौत से डर लगता है, लेक्स फ्रीडमैन के पॉडकास्ट में हुआ खुलासा
 
रमेश ने उठाया सवाल : रमेश ने सवाल किया कि क्या डब्ल्यूएचओ भारत के लिए अच्छा नहीं है? क्या डब्ल्यूटीओ भारत के लिए अच्छा नहीं है? क्या जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता भारत के लिए अच्छा नहीं है? क्या संयुक्त राष्ट्र ने अपनी तमाम कमजोरियों के बावजूद भारतीय शांति सैनिकों को विदेशों में अवसर उपलब्ध नहीं कराए हैं? उन्होंने दावा किया कि बहुपक्षवाद में सुधारों की आवश्यकता है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह से उसकी पूर्णत: निंदा कर रहे हैं उसकी जरूरत नहीं है।
पॉडकास्ट को लेकर प्रधानमंत्री पर कटाक्ष : रमेश ने इसी पॉडकास्ट को लेकर प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया कि करीब 1 साल पहले उन्होंने खुद को नॉन-बायोलॉजिकल बताया था। अब वे कह रहे हैं कि वे 1+1 सिद्धांत में विश्वास करते हैं: एक मोदी और दूसरा दैवीय। उन्होंने दावा किया कि वे ऐसी बातें तब कर रहे हैं, जब अर्थव्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है, पड़ोसी देश अशांत हैं और वैश्विक व्यवस्था लगातार अस्थिर होती जा रही है। रमेश ने कहा कि न्यूनतम आत्ममुग्धता, अधिकतम सुशासन होना चाहिए।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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