राहुल गांधी को सजा : फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देगी कांग्रेस, कहा- हम सच बोलते रहेंगे

गुरुवार, 23 मार्च 2023 (20:34 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को सुनाई गई 2 साल कारावास की सजा को ‘कानूनी रूप से गलत निर्णय’ करार देते हुए गुरुवार को कहा कि इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी।
 
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सच बोलने और सरकार के ‘काले कारनामों’ को उजागर करने की सजा मिल रही है, लेकिन राहुल बिना डरे सच बोलते रहेंगे।
 
फैसले के कुछ घंटे बाद राहुल गांधी सूरत से दिल्ली लौटे, जहां हवाई अड्डे पर कांग्रेस के कई सांसदों एवं नेताओं ने उनका स्वागत किया तथा उनके समर्थन में नारेबाजी की।
 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि सरकार राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर लोकसभा से बाहर करना चाहती है, इसलिए यह सब हो रहा है।
 
खरगे ने संसद भवन परिसर में प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि ‘पहले न्यायाधीशों को बदला गया…. हमको पहले से अंदाजा लग रहा था, लेकिन हम कानून और न्यायपालिका में विश्वास रखने वाले हैं और कानून के तहत लड़ेंगे।’
 
बाद में उन्होंने ट्वीट किया कि कायर, तानाशाह भाजपा सरकार राहुल गांधी और विपक्ष से तिलमिलाई हुई है, क्योंकि हम उनके काले कारनामों को उजागर कर रहे हैं। जेपीसी की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक दिवालियेपन की शिकार मोदी सरकार, ईडी और पुलिस भेजती है। राजनीतिक भाषणों पर केस थोपती है। उन्होंने कहा कि हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
 
कांग्रेस प्रवक्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मानहानि का मुकदमा एक ऐसे विषय के बारे में नहीं कर सकते, जिसमें किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ आक्षेप नहीं है।
 
सिंघवी ने कहा कि जान-बूझकर गलत मामलों को थोपकर आवाज बंद करना, यह प्रक्रिया सरकार द्वारा की जा रही है। इससे कहीं अधिक आपत्तिजनक टिप्पणियां भाजपा के लोगों द्वारा की जाती है, लेकिन उसकी अनदेखी की जाती है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार डराने, धमकाने, आवाज दबाने और झूठे मामले दायर करने की लाख कोशिश कर ले, इससे आवाज दबने वाली नहीं है। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर राहुल गांधी बोलते रहेंगे, आवाज उठाते रहेंगे।
 
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह ‘न्यू इंडिया’ है, अन्याय के खिलाफ (आप) आवाज उठाएंगे तो ईडी, सीबीआई, पुलिस की प्राथमिकियों से लाद दिए जाएंगे। राहुल गांधी जी को भी सच बोलने और तानाशाह के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की सजा मिल रही है। देश का कानून राहुल गांधी जी को अपील का अवसर देता है, वह इस अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। हम डरने वाले नहीं हैं।
 
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह सच बोलते रहेंगे।
 
उन्होंने ट्वीट किया कि डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।
 
पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब तो हालत यह हो गई है कि मोदी जी का नाम लेने से ही मानहानि हो जाती है। राहुल गांधी ने किस संदर्भ में बयान दिया था, उसे तो देखिए। ललित मोदी, नीरव मोदी, ऐसे और भी मोदी हैं, जो देश का पैसा लूटकर भाग गए, उनके बारे में उन्होंने बात की थी। भारतीय युवा कांग्रेस ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रदर्शन किया।
 
भाजपा ने कहा कानून करेगा अपना काम : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सूरत की अदालत द्वारा 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर प्रहार किया और विरोध की आवाज को दबाने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ, भाजपा ने कहा कि अगर राहुल गांधी लोगों को ‘गाली’ देते हैं, तो कानून अपना काम करेगा। कांग्रेस ने कहा है कि फैसला कानूनी रूप से गलत है और वह इसे चुनौती देगी।
 
भाजपा नेता और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी को मानहानिकारक टिप्पणी करने के खिलाफ आगाह किया और कहा कि अगर वह ऐसा करने से बाज नहीं आते हैं, तो कांग्रेस नेता खुद को ‘और अधिक परेशानियों’ का सामना करते पाएंगे।
  
उन्होंने अदालत के आदेश पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर भी निशाना साधा। खरगे ने दावा किया था कि मामले की सुनवाई कर रहे कई न्यायाधीशों को बदल दिया गया था।
 
 
भाजपा नेता ने उन्हें जिम्मेदारीपूर्ण बयान देने की नसीहत देते हुए कहा कि खरगे एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष हैं और यह कहकर वह क्या दर्शाना चाहते हैं कि न्यायाधीशों को बार-बार बदला गया।
 
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणियों से कांग्रेस को ही नुकसान हुआ है और उसके नेता चिंतित हैं कि पार्टी का बंटाधार हो रहा है। राहुल गांधी को कई विपक्षी दलों का समर्थन मिला।
 
आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि एक लोकसभा सदस्य को इस तरह मानहानि के मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं है और वह अदालत के निर्णय से असहमत हैं।
 
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी में विरोधी दलों और उनके नेताओं पर मुकदमे करके उन्हें फंसाने की साजिश हो रही है।
 
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कहा कि गैर-भाजपा सरकारों और नेताओं को षड्यंत्र का शिकार बनाया जा रहा है।
 
सोरेन ने ट्वीट किया कि न्यायिक व्यवस्था पर पूरा विश्वास रखते हुए भी मानहानि मामले में राहुल गांधी जी को सजा दिए जाने के निर्णय से असहमत हूं।
 
उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना गुट ने राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने का बृहस्पतिवार को स्वागत किया। पार्टी ने कहा कि वीर दामोदर सावरकर जैसी राष्ट्रीय हस्तियों का ‘अपमान’ करने और विदेश में देश की ‘छवि खराब’ करने के लिए भी राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए।
 
सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई।
 
अदालत ने राहुल गांधी को जमानत भी दे दी और उनकी सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता उसके फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें। फैसला सुनाए जाते समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे। वह बृहस्पतिवार सुबह सूरत पहुंचे थे। एजेंसियां

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