नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में रविवार को नवगठित कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की पहली बैठक हुई जिसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के व्यापक गठबंधन की पैरवी की। इस बैठक में राहुल गांधी ने कांग्रेसजनों का आह्वान किया कि वे भारत के दबे-कुचले लोगों की लड़ाई लड़ें। लोकसभा 2019 के चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने गठबंधन पर जोर दिया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सभी दल भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हों।
सूत्रों के अनुसार संसद भवन के एनेक्सी में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी, पी. चिदंबरम, अमरिंदर सिंह तथा कई अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने देश में विपक्षी दलों के बीच व्यापक गठबंधन की पैरवी की। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने समान विचारधारा वाली पार्टियों के बीच गठबंधन की पैरवी की और कहा कि इस प्रयास में हम सभी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हैं।
सिंह ने कहा कि मैं राहुलजी को विश्वास दिलाता हूं कि हम सामाजिक सद्भाव और आर्थिक विकास को बहाल करने के मुश्किल भरे काम को पूरा करने उनका पूरा सहयोग करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने भारत की आवाज के तौर पर कांग्रेस की भूमिका तथा वर्तमान एवं भविष्य की इसकी जिम्मेदारी के बारे में भी याद दिलाया और आरोप लगाया कि भाजपा संस्थाओं, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों पर हमले कर रही है।
गांधी ने कहा कि नवगठित कार्यसमिति अनुभव और जोश का समावेश है तथा यह अतीत, वर्तमान और भविष्य के बीच सेतु का काम करेगी। सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि देश की जनता को उस ‘खतरनाक शासन’ से बचाना होगा है जो भारत के लोकतंत्र को संकट में डाल रहा है। सोनिया गांधी ने भारत के वंचितों और गरीबों पर ‘निराशा और डर के शासन’ को लेकर लोगों को आगाह किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बयानबाजी उनकी इस ‘हताशा’ को दिखाती है कि मोदी सरकार के जाने की ‘उलटी गिनती’ शुरू हो गई है। राहुल गांधी ने पिछले दिनों 51 सदस्यीय कार्यसमिति का गठन किया था जिसमें 23 सदस्य, 18 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं।