पुरानी कीमतों से तुलना करने पर 10 चैनल सब्सक्राइब करने वाले उपभोक्ताओं का बिल मौजूदा 230-240 रुपए की तुलना में 25 प्रतिशत तक बढ़कर 300 रुपए प्रतिमाह पर पहुंच सकता है, लेकिन यदि उपभोक्ता 5 चैनल या इससे कम सब्सक्राइब करते हैं, तो उनका बिल घट सकता है।
क्रिसिल का मानना है कि 1 फरवरी से प्रभाव में आए इन नियमों से लोकप्रिय चैनलों को फायदा होगा और 'ओवर द टॉप' सेवाओं जैसे नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार आदि की तरफ लोगों का रुझान बढ़ेगा। इससे प्रसारण उद्योग में एकीकरण और विलय को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि अब कार्यक्रम की गुणवत्ता ही सब कुछ होगी।
नए प्रावधानों से प्रसारकों का राजस्व 40 प्रतिशत बढ़कर 94 रुपए प्रति उपभोक्ता पर पहुंच जाएगा। यह अभी 60 से 70 रुपए प्रति उपभोक्ता प्रतिमाह है। चूंकि उपभोक्ता लोकप्रिय चैनलों की ओर ज्यादा भागेंगे इसलिए कीमतें तय करने में बड़े प्रसारकों की ज्यादा चलेगी, वहीं कम लोकप्रिय चैनलों की मुश्किल बढ़ेगी जबकि सबसे कम लोकप्रिय चैनल बंद होने पर मजबूर हो सकते हैं।