लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा 2017 के चुनाव परिणाम दोहराने का दावा कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ने के विषय पर पार्टी नेताओं के लगातार विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं।
रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे राज्य के श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सवाल के जवाब में कहा, चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय नेतृत्व ही मुख्यमंत्री तय करेगा। इससे पहले बीते शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने एटा में दावा किया था कि पार्टी अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी।
वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पिछले सप्ताह बरेली में कहा कि राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, यह पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा। उप्र की 17वीं विधानसभा का गठन 17 मार्च, 2017 को हुआ था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च, 2017 को पद की शपथ ली थी। इसलिए 17 मार्च 2022 तक 18वीं विधानसभा के गठन की प्रक्रिया पूरी किए जाने की जरूरत है।
आगामी विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, इस मुद्दे पर आए विरोधाभासी बयानों को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा, स्वतंत्र देव सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और उन्होंने जो बात कही है वह महत्वपूर्ण है। साथ ही केशव प्रसाद मौर्य व स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी की रीति-नीति के आधार पर यह बात कही है।
श्रीवास्तव ने कहा कि औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा पार्टी का संसदीय बोर्ड ही करता है, इस नाते केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह बात कही होगी।प्रदेश प्रवक्ता ने जोर देते हुए कहा कि पार्टी में कोई अंतर्विरोध नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक माह के भीतर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह दूसरी बार सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ आए। इससे पहले, मुख्यमंत्री और संगठन के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बातचीत कर चुके हैं।(भाषा)