भाकपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने भले ही गुजरात में अपना आंकड़ा सुधारा, सत्तारूढ़ दल (भाजपा) सत्ता विरोधी लहर से पार पाने में सफल रही और यह दुख की बात है कि धर्मनिरपेक्ष बल भगवा दल को हराने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी बलों को सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए साथ आना चाहिए।
रेड्डी ने हालांकि कहा कि वाम दलों और इस तरह की दूसरी पार्टियों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर साथ आने के लिए चुनावी समझ का विकास करना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'लेकिन यह (गठबंधन) जब भी संभव हो, इस पर विचार किया जाना चाहिए। हमें चर्चा कर निष्कर्ष पर पहुंचना होगा। इस समय हम जल्दबाजी में निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते। धर्मनिरपेक्ष ताकतों को और मजबूती एवं एकता के साथ लड़ने की जरूरत है।'
वरिष्ठ वाम नेता ने साथ ही कांग्रेस के नए अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने एक अच्छा चुनाव अभियान चलाया था और चुनाव प्रचार के दौरान ‘सांप्रदायिक ताकत विरोधी’ स्पष्ट संदेश दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें राहुल के एक अच्छे नेता के तौर पर उभरने की उम्मीद है, रेड्डी ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह पार्टी में किस तरह से सुधार लाते हैं।