- बेंगलुरु में अपराध के मामलों में 77 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि
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एजेंसियां 1127 करोड़ रुपए रोकने में कामयाब रहीं
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साइबर अपराध पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती
Cyber Crime Cases : साइबर अपराधियों (Cyber criminals) ने देश को एक अप्रैल 2021 से 10300 करोड़ रुपए से अधिक की चपत लगाई, लेकिन एजेंसियां इसमें से 1127 करोड़ रुपए देश में ही रोकने में कामयाब रहीं। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में साइबर अपराध के मामलों में 77 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हुई और शहर पुलिस ने 17623 मामले दर्ज किए।
आई4सी साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा स्थापित एक निकाय है। कुमार ने कहा कि 2023 में एनसीआरपी पर 15.56 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए यानी प्रति लाख जनसंख्या पर 129 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए।
कुमार ने कहा, भारत को एक अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर, 2023 तक कथित तौर पर 10,319 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हम 1127 करोड़ रुपए को रोकने में कामयाब रहे हैं, जिसमें से 9-10 प्रतिशत राशि पीड़ितों के खातों में भेज दी गई। साइबर अपराधियों का विवरण देते हुए अधिकारियों ने कहा कि लगभग 50 प्रतिशत साइबर हमले कंबोडिया, वियतनाम, चीन और अन्य देशों से संचालित होने वाले गिरोह द्वारा किए जा रहे हैं।
पीड़ितों के खातों में राशि दोबारा भेजने में आने वाली कठिनाइयों का जिक्र करते कुमार ने कहा कि सरकार नई मानक संचालन प्रक्रिया तैयार कर रही है जिसके जल्द ही सामने आने की संभावना है, इसके बाद पीड़ितों के लिए अपने पैसे का दावा करना आसान हो जाएगा। अभी किसी पीड़ित को अपना पैसा वापस पाने के लिए अदालत से आदेश लेना पड़ता है। इस संबंध में गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्य अग्रणी हैं, जहां लोग अपना पैसा पाने के लिए लोक अदालतों और मजिस्ट्रेट के समक्ष गुहार लगा रहे हैं।
साइबर अपराध के मामलों के समाधान की दर के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, कई मामलों में, ऐसा होता है कि हमें सेवा प्रदाताओं, बैंकों, वैश्विक तकनीकी फर्म और सोशल मीडिया मंचों पर निर्भर रहना पड़ता है और जांच उद्देश्यों के लिए आवश्यक प्रासंगिक जानकारी साझा करने में उनकी ओर से देरी होती है। उन्होंने कहा, कई मामलों में हमने देखा है कि ये मंच अपनी कंपनी की नीतियों का हवाला देते हुए कुछ विवरण साझा करने से इनकार कर देते हैं, जिससे जांच को आगे बढ़ाने में अड़चन पैदा होती है। (इनपुट एजेंसियां)
Edited By : Chetan Gour