चक्रवाती तूफान असानी का खतरा, 5 राज्यों में भारी बारिश, 120 KMPH की रफ्तार से चलेंगी हवाएं

मंगलवार, 10 मई 2022 (08:18 IST)
भुवनेश्वर/कोलकाता/रांची। भीषण चक्रवाती तूफान ‘असानी’ के तटों के करीब पहुंचने पर दोबारा उत्तर-उत्तरपूर्वी दिशा में मुड़ने और कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार हैं। ‘असानी’ के चलते प्रभावित इलाकों में 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी बारिश भी हो रही है। मौसम विभाग ने 5 राज्यों में चक्रवाती तूफान की वजह से भारी बारिश की चेतावनी दी है।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मंगलवार रात को उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर पहुंचने पर ‘असानी’ के चक्रवाती तूफान में तब्दील होने का अनुमान है।
 
मौसम विज्ञान केंद्र भुवनेश्वर ने बताया कि चक्रवाती तूफान असानी पिछले 6 घंटे के दौरान पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में 12 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ा। यह फिलहाल पुरी के करीब 590 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम और गोपालपुर, ओडिशा से लगभग 510 किमी दक्षिण-पश्चिम में है।
 

Severe Cyclonic Storm Asani is about 590 km* southwest of Puri & about 510 km south-southwest of Gopalpur, Odisha: Meteorological Centre, Bhubaneswar

— ANI (@ANI) May 10, 2022
इन क्षेत्रों में भारी बारिश : चक्रवात के चलते सोमवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई। चक्रवात के प्रभाव में तटीय ओडिशा, उत्तरी आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीगढ़ के कई क्षेत्रों में मंगलवार शाम से बारिश होने की आशंका है।
 
मौसम विभाग कार्यालय ने कहा कि पश्चिम-मध्य और उससे सटी दक्षिण बंगाल की खाड़ी में समुद्र में बहुत तीव्र स्थिति बने रहने का अनुमान है, ऐसे में मछुआरों को मंगलवार से कम से कम अगले दो दिनों तक इस क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। विभाग ने तटीय इलाकों में पर्यटन गतिविधियों को 13 मई तक निलंबित करने का सुझाव भी दिया।
 
ओडिशा के खुर्दा, गंजम, पुरी, कटक और भद्रक जैसे जिलों में दो से तीन बार बारिश हुई। ओडिशा सरकार ने सोमवार को चार तटीय जिलों में रहने वाले लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना बनाई है। तेजी से करीब आ रहे तीव्र चक्रवात को देखते हुए ओडिशा के सभी बंदरगाहों पर दूरस्थ चेतावनी संकेत 2 प्रदर्शित किया गया है।
 
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात के चलते सोमवार से गुरुवार के बीच कोलकाता, हावड़ा, पुर्वी मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा नदिया जिलों सहित पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से में भारी बारिश होने का अनुमान है। कोलकाता के अलीपुर में क्षेत्रीय मौसम विभाग ने शाम 5.30 बजे तक 58 मिमी बारिश दर्ज की, जबकि साल्ट लेक में 61 मिमी बारिश हुई।
 
रांची स्थित मौसम विभाग कार्यालय ने कहा कि झारखंड में 11 से 13 मई तक दक्षिणी, मध्य और पूर्वोत्तर हिस्सों में बिजली कड़कने और बादलों के गरजने के बीच हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। राज्य के कुछ हिस्सों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।
 
उधर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में सोमवार को चक्रवात से सामान्य जीवन प्रभावित नहीं हुआ, क्योंकि वहां बारिश नहीं दर्ज की गई। अधिकारियों ने कहा कि अंतर-द्वीपीय नौका सेवाएं जारी हैं, लेकिन मछुआरों को गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
 
तटरक्षक बलों ने बचाई 11 मछुआरों की जान : चक्रवात ‘असानी’ के कारण समुद्र में करीब आठ घंटे तक फंसे ओडिशा के कम से कम 11 मछुआरों को सोमवार को भारतीय तटरक्षक की मदद से बचाया गया।
 
उन्होंने कहा कि मछुआरे सात मई को मछली पकड़ने की नाव खरीदने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम गए थे और वहां से लौटते समय नौका में तकनीकी गड़बड़ी आने के कारण वे गंजम जिले के सोनपुट के पास तट से लगभग 4-5 किमी दूर समुद्र में फंस गए थे।
 
मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार दोपहर ढाई बजे चक्रवाती तूफान विशाखापत्तनम से करीब 410 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और पुरी से 590 किलोमीटर दक्षिण में था तथा यह उत्तर-पश्चिम दिशा में 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बहने वाली हवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है।

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