टूरिस्ट जगहों के लिए फ्लाइट और होटल बुकिंग हो रही कैंसिल
आंदोलन लंबा खिंचा तो बड़े असर और नुकसान की आशंका
farmer protes : किसानों के दिल्ली चलो मार्च का आज दूसरा दिन है। किसान फिर दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने किसानों पर सुबह से ही आंसू गैस के गोले दागने शुरु कर दिए हैं।
Daily loss of Rs 550 crore due to farmer movement : मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल भारी संख्या में तैनात हैं। देखा जाए तो कल सिंघु बॉर्डर पर जमकर बवाल हुआ था। देर रात तक प्रदर्शनकारी किसान बॉर्डर के आस-पास जाते रहे और पुलिस आंसू गैस के गोले दागती रही। पुलिस ने कल भी किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे। किसानों के साथ पुलिस की झड़प भी हुई, इसमें एक डीएसपी सहित कई लोग ज़ख़्मी भी हुए थे।
इस पूरे आंदोलन के बीच जो सबसे बडी खबर है वो यह है कि आंदोलन की वजह से रोजाना करीब साढे 550 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं, किसान आंदोलन से टूरिज्म, HRTC सर्विस से लेकर दवा उद्योग पर भी असर हो रहा है।
रोज 550 करोड़ स्वाहा : मीडिया में आई रिपोर्ट के हवाले से हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार द्वारा रास्ते बंद करने से हर रोज व्यापार व उद्योगों को लगभग 550 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
पिछली बार हुआ था 90 हजार करोड़ का नुकसान : उन्होंने बताया कि पिछले किसान आंदोलन से देश में व्यापार व उद्योगों को लगभग 90 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। पिछले आंदोलन से अभी तक व्यापारी व उद्योगपति उभर नहीं पाया था। ऐसे में यह आंदोलन भी सभी के लिए नुकसानदायक ही साबित होगा।
कहां- कहा हो रहा आंदोलन का असर
किसान आंदोलन कई जगह बाधा बनकर उभरा है। हरियाणा के अंबाला में नेशनल हाईवे बाधित है। चंडीगढ़ से होते हुए हिमाचल को जोड़ने वाले इस हाईवे पर बस और ट्रांसपोर्ट सेवा पर असर हुआ है। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसें मंगलवार शाम तक दिल्ली नहीं जा रही थी। ना ही, चंडीगढ़ तक ही हिमाचल की बसें सवारियां लेकर आ रही थी, लेकिन अब रूट डायवर्ट किया गया है। ऐसे में दिल्ली जाने वाले लोग परेशान हैं। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में टूरिज्म, दवा उद्योग और अन्य रोजमर्रा के सामान की सप्लाई पर भी असर हुआ है और दिल्ली और अन्य राज्यों से ट्रकों की आवाजाही रुकी है। अगर आंदोलन लंबा खींचा तो ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।
उद्योगों पर असर : हिमाचल प्रदेश के सोलन के बद्दी नालागढ़ में एशिया का सबसे बड़ा दवा उद्योग है। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ फार्मा मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश गुप्ता के मुताबिक अभी किसान आंदोलन शुरू हुआ है। अभी तो दवा उद्योग पर असर नहीं होगा.। क्योंकि हमारे पास कच्चे माल और अन्य जरूरी चीजों का स्टॉक रहता है। लेकिन अगर यह आंदोलन लंबा चला तो जरूर असर होगा। वह कहते हैं कि नेशनल हाईवे बंद होने से दोनों तरफ से होल्डिंग हुई है। अभी ना माल जा रहा है और ना ही आ रहा है।
होटल इंडस्ट्री प्रभावित : हिमाचल प्रदेश में किसान आंदोलन का टूरिज्म सेक्टर पर भी असर पड़ा है। शिमला और मनाली सहित अन्य इलाकों में टूरिस्ट की आवाजाही कम हुई है। मनाली पर खासा असर पड़ा है। मनाली होटल एसोशिएसन की रिपोर्ट के मुताबिक किसान आंदोलन के चलते नेशनल हाईवे चंडीगढ़ से आगे बंद है। ऐसे में दिल्ली और दूसरे इलाकों से टूरिस्ट की संख्या गिरी है। बुकिंग पर करीब 15-20 फीसदी का असर पड़ा है। हिमाचल प्रदेश में दिल्ली से बड़ी संख्या में वोल्वो और लग्जरी सहित अन्य वाहनों के जरिये मनाली पहुंचते हैं। लेकिन अंबाला से आगे चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह ठप है। बड़ी बात है कि एयर फेयर भी बढ़ा है और टूरिस्ट घूमने से गुरेज कर रहे हैं।
शिमला पर असर : शिमला के होटल कारोबार पर भी किसान आंदोलन की चपेट में आया है। यहां पर टूरिस्ट ने होटल बुकिंग कैंसल की हैं। आंदोलन के चलते अब बुकिंग कैंसल हो रही हैं। टुर्स एंड ट्रैवल कंपनी भी प्रभावित हुई है।
Edited by Navin Rangiyal