उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में पूर्व के 3 मौकों का जिक्र किया, जब चुनावों के बाद प्रधानमंत्री का चुनाव हुआ था। उन्होंने कहा कि हमारा पहले का अनुभव रहा है कि वीपी सिंह चुनावों के बाद प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनकर उभरे। वर्ष 1996 में लोकसभा चुनावों के बाद एकीकृत मोर्चा का गठन हुआ और एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने। इसी तरह चुनावों के बाद संप्रग-1 के दौरान मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री चुने गए।
अली ने कहा कि बहुपार्टी वाले लोकतंत्र में नेतृत्व का मुद्दा आम चुनावों के बाद ही आता है तथा हमें सर्वसम्मति से फैसला करना है कि किन्हें प्रधानमंत्री बनना चाहिए? विपक्षी दलों के एकसाथ आने के प्रति भरोसा प्रकट करते हुए अली ने कहा कि उन्हें अहसास हुआ है कि बहुकोणीय मुकाबले से उन्हें मदद नहीं मिलने वाली। (भाषा)