नई दिल्ली। भारत के रक्षामंत्री राजनाथसिंह ने संसद में मंगलवार पड़ोसियों को संदेश देते हुए कहा कि हमारे इरादों पर किसी को भी शक नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जहां संयम की जरूरत थी वहां संयम और जहां शौर्य की जरूरत थी वहां हमारे सैनिकों ने शौर्य का प्रदर्शन किया। राजनाथ ने कहा कि पैंगोंग झील के पास पड़ोसी चीन के सैनिकों ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की। चीनी सैनिकों की हरकत के कारण ही फेसऑफ की स्थिति बनी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अप्रैल माह में चीन ने एलएसी पर अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ाई। उन्होंने कहा कि चीन सीमा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है। गलवान घाटी में हमारी पेट्रोलिंग पार्टी को रोकने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि कर्नल संतोष बाबू और 19 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। पूरा देश वीर जवानों एवं उनके परिवारों के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा कि हमें हमारे जवानों की प्रशंसा करनी चाहिए, जो कि अत्यंत मुश्किल परिस्थितियों में देशवासियों की रक्षा कर रहे हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि पड़ोसियों के साथ संबंधों में आपसी सम्मान जरूरी है। हम बातचीत के जरिए समाधान चाहते हैं, लेकिन दोनों पक्षों को एक-दूसरे की एलएसी का ध्यान रखना चाहिए, साथ ही सभी समझौतों का पालन करना चाहिए।
और क्या कहा रक्षा मंत्री ने...
- मॉस्को में चीनी रक्षामंत्री के साथ एलएसी का मुद्दा उठाया।
- भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।
- बॉर्डर विवाद का शांति से समाधान निकलना चाहिए।
- हम चीन की चाल को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
- हमारे इरादों पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।
- चीन पिछले कई सालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्टिविटी बढ़ाई।
- अप्रैल में पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना की हलचल बढ़ी।