दिल्ली की जहरीली हवा से आफत में जान...

मंगलवार, 7 नवंबर 2017 (20:53 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली में जहरीली हवा के कारण जान आफत में आ गई है और दिल्ली सरकार ने मासूमों की जान बचाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि बुधवार को प्राथमिक विद्यालय बंद रहेंगे। गाजियाबाद में भी अगले दो दिनों के लिए पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
 
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बुधवार को सभी स्कूलों से बाहरी गतिविधियां बंद करने को कहा गया है। इनमें सुबह की प्रार्थनाएं भी शामिल हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में कल निजी सहित सभी प्राथमिक विद्यालय बंद रहेंगे। हम हर घंटे स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और उपायों के बारे में अगला फैसला गुरुवार को किया जाएगा।’ सरकार ने बच्चों सहित अधिक संवेदनशील लोगों, बुजुर्गों तथा अस्थमा और हृदय के मरीजों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है।

 
उन्होंने कहा, ‘हम दिल्ली के लोगों से अपील करते हैं कि वे सुबह तथा शाम की सैर से बचें।’ नगर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें स्वास्थ्य एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव ए सुधाकर ने कहा कि कल रात से प्रदूषण की तीव्रता चरम पर पहुंच गयी है क्योंकि उत्तर प्रदेश से भारी हवाओं और नमी का मेल तथा पंजाब एवं हरियाणा की तरफ से पराली के धुएं वाली हवाएं दोगुनी खतरनाक हो गई हैं। 
 
सुधाकर ने कहा, ‘हम अगले दो तीन दिन में कोई बहुत बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहे। कोहरे की मौजूदगी और हवा नहीं चलने से प्रदूषणकारी तत्व छितरा नहीं पा रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि हवा की रफ्तार फिलहाल करीब तीन मीटर प्रति सैकंड है जो पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषणकारी तत्वों के बिखराव के लिए अपर्याप्त है।
 
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल और सदस्य सुनीता नारायण ने क्षेत्र के नगर निकायों को निर्देश दिया है कि कम से कम 10 दिन तक पार्किंग शुल्क चार गुना बढ़ाया जाए और दिल्ली मेट्रो को कम व्यस्त समय में किराए कम करने, और अधिक कोच बढ़ाने का निर्देश दिया जाए।

 
ईपीसीए ने दिल्ली और आसपास के राज्यों उत्तरप्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा को निर्देश दिया कि अधिक बसें लगाकर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बेहतर बनाएं। अन्य उपायों में ईपीसीए ने सड़क निर्माण एजेंसियों को दिल्ली-एनसीआर में धूल प्रदूषण नियमों के उल्लंघन पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगाने का निर्देश दिया।
 
इसके अलावा दिल्ली और आसपास के प्रदेशों की सरकारों से प्रदूषण बढ़ने पर ऑड ईवन और निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने जैसे उपाय करने को भी कहा गया है। अन्य उपायों में पूरे क्षेत्र में ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर्स को बंद करना शामिल है।

 
इस बीच दिल्ली में बच्चों के माता-पिताओं ने भी स्कूलों को बंद करने की मांग की। उन्होंने यह मांग भी की कि सरकार भविष्य में ऐसे हालात बनने से रोकने के लिए दीर्घकालिक कदम उठाए क्योंकि एयर प्यूरीफायर और मास्क लगाना पर्याप्त नहीं है।
 
गुड़गांव में रहने वाली सपना शर्मा ने कहा, ‘हम अपने छह साल के बच्चे को इस तरह के हालात में स्कूल भेजते हुए बहुत चिंतित होते हैं। यह सर्दियों जैसी बात नहीं है कि आप अपने बच्चों को ढेर सारे ऊनी कपड़े पहना दें।’ 
 
‘माय राइट टू ब्रीद’ अभियान की संस्थापक सदस्य राधिका कपूर ने कहा, ‘जब बहुत गर्मी होती है तो हम स्कूल बंद कर देते हैं। जब बहुत ठंड होती है तो हम स्कूल बंद कर देते हैं। जब हमारे बच्चे जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं तो सरकार किस बात का इंतजार कर रही है?’
 
चंडीगढ़ में मौसम विभाग के निदेशक सुरिंदर पाल ने कहा कि हवाएं नहीं चलने और अगले कुछ दिन तक बारिश की कोई संभावना नहीं होने से हालात बदलने के आसार नहीं हैं। इससे हरियाणा में प्रदूषण बढ़ेगा।
 
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुदूर-संवेदी तकनीक से अकेले पटियाला में पराली जलाने के तीन हजार से अधिक मामले दर्ज किये हैं। बोर्ड के अध्यक्ष कहान सिंह पन्नू ने कहा कि किसानों के बीच पराली जलाने के खिलाफ जागरुकता लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
 
हरियाणा में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी इस दिशा में अभियान शुरू कर दिया है और राज्य के पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने किसानों से फसलों के अवशेष नहीं जलाने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा पकड़े गये ऐसे 227 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं। 454 किसानों पर इसके लिए जुर्माना भी लगाया गया है।
 
 
हालांकि हरियाणा और पंजाब के कई किसान लगातार पराली जला रहे हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पिछले कुछ दिन से सुबह के समय घनी धुंध के चलते हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों का समय 30 नवंबर तक सुबह नौ बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक करने का फैसला किया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

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