पटाखों पर बैन की धज्जियां उड़ीं, दिवाली के बाद दिल्ली में धुंध छाई, हवा में घुला बारूद

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 1 नवंबर 2024 (10:53 IST)
Delhi air quality drops to  very poor  category post-Diwali  : दिल्ली में प्रतिबंध के बाद भी लोगों ने दीवाली पर खूब पटाखे जलाए। इससे राजधानी की हवा जहरीली हो गई। शुक्रवार को धुंध की मोटी परत छाई रही और राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 362 दर्ज किया गया। दिवाली के दौरान लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर लगे प्रतिबंध का जमकर उल्लंघन किया। दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में सबसे प्रदूषित दिवाली भी इस साल दर्ज की गई।
 
दिवाली के दौरान और उसके बाद प्रदूषण में वृद्धि से निपटने के प्रयास के तहत दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवे वर्ष पटाखों पर व्यापक प्रतिबंध लागू किया था। प्रतिबंध के तहत पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी गई थी।
 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को दिवाली पर दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 दर्ज किया गया, जबकि 2023 में यह 218 और 2022 में 312 था। राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई शुक्रवार को सुबह नौ बजे 362 यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
 
दिल्ली के अधिकतर निगरानी केंद्रों ने प्रदूषण का एक जैसा स्तर दिखाया, और 39 में से 37 केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बताया।
 
राष्ट्रीय एक्यूआई के बारे में हर घंटे अद्यतन जानकारी देने वाले सीपीसीबी के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, अलीपुर में एक्यूआई 355, आनंद विहार में 396, अशोक विहार में 389, आया नगर में 351, बवाना में 396, बुराड़ी में 394 और मथुरा रोड में 371 दर्ज किया गया।
 
आईजीआई हवाई अड्डे पर एक्यूआई 371, द्वारका में 376, जहांगीरपुरी में 390, मुंडका में 375, पटपड़गंज में 365, रोहिणी में 390, सोनिया विहार में 396 और वजीरपुर में 390 रहा।
 
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर एक्यूआई को‘बेहद गंभीर’ माना जाता है।
 
पीएम 2.5 सूक्ष्म कणों की हवा में सांद्रता भी सुरक्षित सीमा से अधिक हो गई। पीएम 2.5 सूक्ष्म कण आसानी से श्वसन प्रणाली में प्रवेश कर जाते हैं और विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं।
 
शुक्रवार की सुबह छह बजे दिल्ली में पीएम 2.5 की सांद्रता 207.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। पीएम 2.5 की मौजूदगी की सुरक्षित सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
 
दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 377 प्रवर्तन दल भी स्थापित किए थे और स्थानीय संघों के माध्यम से जागरूकता फैलाई थी। आस पास के इलाकों से आवाजाही पर नजर रखने के लिए पुलिस दल तैनात किए गए थे, अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
 
इन प्रयासों के बावजूद, समूची दिल्ली के इलाकों में प्रतिबंध का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ। रिपोर्ट से पता चला है कि पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली में बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ, जौनपुर, पंजाबी बाग, बुराड़ी और ईस्ट ऑफ कैलाश जैसे इलाकों में पटाखों की धूम रही।
 
पिछले साल पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी तथा वर्षा सहित अनुकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिवाली के बाद गैस चैंबर में तब्दील होने से बच गई थी।
 
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.3 डिग्री अधिक 18.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम कार्यालय के अनुसार, हवा की गति लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
 
हवा की उच्च गति प्रदूषकों को तितर बितर करने में मदद करती है, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है। शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 70 प्रतिशत था। 
हरियाणा- चंडीगढ़ में हवा हुई खराब : हरियाणा में कई स्थानों पर बृहस्पतिवार को दिवाली की रात वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
 
पंजाब के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी कई स्थानों पर एक्यूआई ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर ऐप द्वारा घंटे के आधार पर जारी राष्ट्रीय एक्यूआई के मुताबिक बृहस्पतिवार रात 11 बजे हरियाणा के गुरुग्राम में एक्यूआई 322, जींद में 336 और चरखी दादरी में 306 दर्ज किया गया।
 
इसके अलावा हरियाणा के अंबाला में 201, बहादुरगढ़ में 292, भिवानी में 278, बल्लभगढ़ में 211, फरीदाबाद में 245, कुरुक्षेत्र में 270, पंचकूला में 202, रोहतक में 222 और सोनीपत में एक्यूआई 258 दर्ज किया गया।
 
आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार रात 11 बजे चंडीगढ़ का एक्यूआई 239 दर्ज किया गया। इसी प्रकार पंजाब के जालंधर में रात 11 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 256 रहा जबकि लुधियाना में यह 234, मंडी गोबिंदगढ़ में 266 और पटियाला में 244 दर्ज किया गया।
 
मौसम विभाग द्वारा तय पैमाने के मुताबिक, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

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