न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि अदालत को उम्मीद है कि पुलिस दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के निर्देशों और मुख्यमंत्री के आवास वाले इलाके में भादंसं की धारा 144 लागू करने के लिए उचित कदम उठाएगी। अदालत ने कहा कि अगर डीडीएमए के निदेशों का उल्लंघन होने पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो इससे गलत संकेत जाएगा।
डीडीएमए के 28 नवंबर के आदेश में राष्ट्रीय राजधानी में 31 दिसंबर तक सभी सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों या भीड़भाड़ वाले अन्य आयोजनों पर कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए रोक लगाई गई है। अदालत सिविल लाइंस रेजिडेंट एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व वकील रोहित भगत ने किया था।
याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री आवास के बाहर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण सड़क अवरुद्ध हो गई है और वहां के निवासियों को असुविधा हो रही है। अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा यह कहे जाने के बाद निर्देश दिया कि उसने प्रदर्शनकारियों को डीडीएमए के निर्देश की प्रतियां दी है और क्षेत्र में भादंसं की धारा 144 लागू की गई है। लेकिन इसके बाद भी वे वहां से नहीं हट रहे हैं।
अदालत ने कहा कि वह इन स्थितियों में पुलिस की सीमाओं को समझती है, लेकिन डीडीएमए और उसके अपने के आदेश को लागू करना पड़ेगा। पुलिस ने कहा कि वह डीडीएमए और अपने आदेशों को लागू करने का प्रयास कर रही है। इसके बाद अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख तय की और कहा कि इस बीच उम्मीद है कि प्रतिवादी (पुलिस) डीडीएमए के आदेशों और भादंसं की धारा 144 को लागू करने के लिए उचित कदम उठाएगी। (भाषा)