ब्रजभूषण शरण सिंह पर FIR की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची पहलवानों और महासंघ अध्यक्ष की 'कुश्ती'

सोमवार, 24 अप्रैल 2023 (21:37 IST)
नई दिल्ली। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने सोमवार को धमकी दी कि अगर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई तो वे सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाएंगे। खबरों के मुताबिक पहलवानों ने एक याचिका दायर की। उन्होंने खाप पंचायतों और कई अन्य संगठनों से समर्थन करने की अपील भी की।
 
खेल मंत्रालय ने जिस दिन डब्ल्यूएफआई के 7 मई को होने वाले चुनाव पर रोक लगाने और महासंघ के दैनिक कामकाज देखने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से तदर्थ समिति गठित करने के लिए कहा उसी दिन प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा कि उनका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है और वे सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की उचित जांच की मांग के लिए दबाव बनाना जारी रखेंगे।
 
ओलिंपियन विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की अगुवाई वाले पहलवानों ने स्वीकार किया कि 3 महीने पहले अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करके उन्होंने गलती की थी। विनेश ने कहा कि अब हम किसी की नहीं सुनेंगे। हम विरोध का चेहरा बनेंगे लेकिन अब हमारे गुरुजन और कोच खलीफा हमारा मार्गनिर्देशन करेंगे। पिछली बार प्रदर्शन समाप्त करना गलती थी। अब हम किसी मध्यस्थ को स्वीकार नहीं करेंगे। अब हम किसी के बहकावे में नहीं आएंगे।
 
उन्होंने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि पुलिस इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करे और इस मामले की जांच करे। हम स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं और न्याय पाने के कई रास्ते हैं। क्या हमें कहीं से भी न्याय नहीं मिलेगा। पहलवानों ने दावा किया कि वे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन गए थे लेकिन पुलिस ने उनके आवेदन पर विचार करने से इंकार कर दिया। इस बीच बजरंग ने कहा कि वे चाहते हैं कि खाप और अन्य संगठन उनके विरोध प्रदर्शन का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि पिछली बार हम प्रदर्शन को गैरराजनीतिक रखना चाहते थे लेकिन अब हम किसान संगठनों, महिला संगठनों और खाप का समर्थन चाहते हैं।
 
पिछली बार जनवरी में जब पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन किया था तब पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट ने सरकार और पहलवानों के बीच मध्यस्थता की थी। लेकिन अब लगता है कि पहलवान बबीता के तरीके से खुश नहीं हैं, जो अब सरकार के निगरानी पैनल का भी हिस्सा है।
 
विनेश ने अपनी चचेरी बहन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हो सकता है कि वह अब कुश्ती से ज्यादा राजनीति से प्यार करती हो। साक्षी ने कहा कि उनकी कानूनी टीम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रही है।
अगर हमने गलत आरोप लगाए हैं तो फिर हमारे खिलाफ जवाबी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
 
पहलवानों से पूछा गया कि क्या वे पीड़ितों की पहचान उजागर करेंगे? तो विनेश ने कहा कि निगरानी समिति का रवैया शुरू से हमारे प्रति पक्षपातपूर्ण रहा। केवल सुप्रीम कोर्ट को ही पीड़ितों की पहचान का पता चलेगा, बृजभूषण को नहीं। बृजभूषण को भाजपा सांसद होने का फायदा मिल रहा है जिसकी अभी केंद्र में सरकार है। निश्चित तौर पर इससे मदद मिलती है। हम नहीं जानते कि सरकार (पार्टी सांसद के) दबाव में है।
 
बजरंग ने कहा कि आपको सरकार से पूछना चाहिए कि वह चुप क्यों है? जब हम देश के लिए पदक जीतते हैं तो हमें सम्मानित किया जाता है और अब हम अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं तो किसी को कोई चिंता नहीं है? सरकार ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न और डराने धमकाने के मामले की जांच के लिए 23 जनवरी को 6 सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति ने 5 अप्रैल को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी थी लेकिन सरकार ने अभी तक इसे सार्वजनिक नहीं किया है।
 
धरना जारी रखेंगे : ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। युवा मामले और खेल मंत्रालय ने हालांकि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक पत्र लिखकर 45 दिनों के भीतर डब्लूएफआई की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने के लिए एक अस्थायी समिति का गठन करने का अनुरोध किया है।

साक्षी को हालांकि आईओए के कामकाज पर विश्वास नहीं है। उन्होंने प्रेस कॉन्फेंस से कहा कि हम आईओए के झूठे वादों के भरोसे नहीं रहने वाले। वे लोग डब्ल्यूएफआई कार्यालय चला रहा थे।(एजेंसियां)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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