नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने संसद से 141 विपक्षी सदस्यों के निलंबन को लेकर बुधवार को सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि यह सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद की सुरक्षा में चूक की 'अक्षम्य घटना' पर संसद के बाहर अपने विचार रखे जिससे स्पष्ट है कि सदन की गरिमा की उन्हें कोई परवाह नहीं है।
सोनिया गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा कि इस सरकार द्वारा लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। इससे पहले कभी भी इतने सारे विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित नहीं किया गया, और वह भी केवल एक, बिल्कुल उचित और वैध मांग उठाने के लिए।
उन्होंने कहा कि संसद के विपक्षी सदस्यों ने 13 दिसंबर की असाधारण घटना को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में गृह मंत्री से एक बयान दिए जाने की मांग की थी।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष के मुताबिक, सरकार की ओर से विपक्ष की मांग पर जैसा अहंकारपूर्ण व्यवहार किया गया, उसका वर्णन करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं।
उन्होंने संसद की सुरक्षा में चूक का उल्लेख करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को जो हुआ वह अक्षम्य है और उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। प्रधानमंत्री को इस घटना पर अपने विचार व्यक्त करने में 4 दिन लग गए और उन्होंने ऐसा संसद के बाहर किया। ऐसा करके उन्होंने सदन की गरिमा के प्रति अपनी उपेक्षा और हमारे देश के लोगों के प्रति अपनी उपेक्षा का स्पष्ट संकेत दिया। मैं इसकी कल्पना करना आप पर छोड़ती हूं कि अगर भाजपा आज विपक्ष में होती तो क्या प्रतिक्रिया देती।
सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में पिछले कुछ दिनों के भीतर कुल 141 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में मंगलवार को 49 लोकसभा सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।
विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं।
सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि इस सत्र में जम्मू-कश्मीर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए हैं। जवाहरलाल नेहरू जैसे महान देशभक्तों को बदनाम करने के लिए इतिहास को विकृत करने और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने वाले लोग लगातार अभियान चला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन प्रयासों में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने खुद मोर्चा संभाला है, लेकिन हम डरेंगे या झुकेंगे नहीं। हम सच बोलते रहेंगे।