Flood in Sikkim: सिक्किम के मंगन इलाके में बादल फटने से तबाही का आलम है। ल्होनक झील पर बादल फटने के बाद तीस्ता नदी उफान पर आ गई और डिक्चु, सिंगताम, रंगपो समेत कई कस्बों में बाढ़ आ गई। इस आपदा में दर्जनभर से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि 150 से ज्यादा लोगों को चा लिया गया है। इनमें सेना का एक जवान भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या लोग फंसे हुए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में 3000 से ज्यादा पर्यटकों के फंसे होने की खबर है।
हो सकता है जरूरी चीजों का संकट : राजस्थान निवासी रजत शर्मा ने फोन पर बताया कि बादल फटने से आई बाढ़ के कारण सिंगताम से मल्ली के बीच हाईवे पूरी तरह तबाह हो गया है। इसके चलते गंगटोक से सिलगुड़ी का मुख्य रास्ता बंद हो गया है। हालांकि एक अन्य रास्ता जो कि लाबा होकर आता है, लेकिन उससे पहुंचने में 10 से 12 घंटे का समय लग रहा है।
यह रास्ता तुलनात्मक रूप से संकरा है, ऐसे में इस रास्ते से ट्रकों का आवागमन आसान नहीं है। यदि हाईवे पर आवागमन जल्द ही सुगम नहीं होता है तो लोगों को राशन से लेकर पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस आदि की किल्लत झेलनी पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि गंगटोक में पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी लाइनें देखी गईं। कहीं-कहीं तो पंपों पर पेट्रोल-डीजल समाप्त भी हो गया। उन्होंने बताया कि चूंकि रास्ता बंद होने के कारण चीजों के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ जाएगा। अत: लोगों को आने वाले समय में चीजें ज्यादा दामों पर खरीदनी पड़ सकती हैं।
स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी : इस आपदा को ध्यान में रखते हुए सरकार के शिक्षा विभाग ने सर्कुलर जारी कर सभी शिक्षण संस्थानों (स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी) को 15 अक्टूबर तक बंद रखने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा 5 अक्टूबर को जारी यह आदेश सभी सरकारी और निजी स्कूल कॉलेजों को भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने दिखाई सक्रियता : सबसे अच्छी बाद रही कि इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने काफी सक्रियता दिखाई। सीएम तमांग ने अपने शिक्षामंत्री जाकर घटनास्थल का दौरा किया और सरकार की ओर से तत्काल राहत कार्य की युद्ध स्तर पर शुरुआत कर दी गई। प्रभावित लोगों के लिए स्कूलों में राहत शिविर बनाए गए हैं।
बारिश को लेकर रेड अलर्ट : हालात अभी पूरी तरह ठीक नहीं है। इस बीच मौसम विभाग ने गंगटोक, नामची, मंगन, पाक्यूम आदि इलाकों के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala