सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, आप लोगों ने संविधान की धज्जियां उड़ाई। मैंने बहुत बर्दाश्त किया है। आप मुझसे मिलने का समय तो निकालें। मैं सबकी बाद सुनुंगा। उन्होंने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं। झुकता नहीं हूं। देश के लिए मर जाऊंगा, मिट जाऊंगा।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे ने कहा, आप किसान के बेटे तो मैं मजदूर का बेटा। मेरे पिता मेहनत का घर लाते थे। आप नियम से सदन चलाइए। परंपरा का पालन कीजिए। उन्होंने कहा कि सबको बोलने का मौका मिलना चाहिए। खरगे ने कहा कि सदन चलाना सभापति की जिम्मेदारी है।