देविंदर को 11 जनवरी को हिजबुल के ही आतंकी नवीद मुश्ताक के साथ पकड़ा गया था और उसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया। दविंदर ने न सिर्फ नवीद को ट्रांसपोर्ट करने और छिपने के लिए जगह देने के लिए हिजबुल से पैसे लिए, बल्कि पूरे साल मदद करते रहने के लिए भी नियम से पैसे लेता था। एक अधिकारी के अनुसार जब देविंदर पकड़ा गया तब वह नवीद को सर्दी में रुकवाने के लिए जम्मू लेकर जा रहा था जिसके बाद नवीद वहां से पाकिस्तान जाने वाला था।