मुंबई। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के 2 दिन बाद भी बुधवार को गठबंधन सहयोगियों शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच विभागों के आवंटन को लेकर बातचीत चल रही हैं। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बातचीत की है। हम गुरुवार को विभागों का बंटवारा कर देंगे और कोई भी नाराज नहीं रहेगा।
महाराष्ट्र सरकार में सोमवार को 36 नए मंत्री बनाए जाने के साथ ही मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है। इनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य सचिवालय में हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, बाला साहेब थोराट, विजय वडेट्टीवार और नितिन राउत, राकांपा के अजित पवार, जयंत पाटिल और एकनाथ शिंदे विभागों के आवंटन को अंतिम रूप दे रहे थे।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस बात से नाराज है कि उसे कृषि और सहकारिता जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कोई भी विभाग नहीं मिला है। सूत्रों ने कहा कि हम अन्य दो दलों के साथ विभागों की अदला-बदली कर सकते हैं। हम विभागों की संख्या में वृद्धि की मांग नहीं कर रहे हैं। तीनों दलों को ऐसे नेताओं के असंतोष का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।
ऐसे विधायकों में कांग्रेस के संग्राम थोपटे शामिल हैं, जिनके समर्थकों ने मंगलवार को पुणे कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। असंतुष्ट नेताओं में राकांपा के प्रकाश सोलंकी भी शामिल हैं। दोनों दलों का कहना है कि उन्हें मना लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, शिवसेना के तानाजी सावंत भी मंत्रिमंडल विस्तार में नजरअंदाज किए जाने से नाखुश हैं।
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले शिवसेना में शामिल हुए भास्कर जाधव ने दावा किया कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कुछ प्रतिबद्धताएं जताई थीं, इसलिए उन्हें भरोसा था कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा लेकिन मंत्री नहीं बनाया जाना उनके लिए झटका था। कहा जाता है कि लगभग एक दर्जन शिवसेना विधायक मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज हैं।
दूसरी ओर, सोमवार को शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस के 12 मंत्रियों ने दिल्ली का दौरा किया। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि पार्टी को कृषि, सहकारिता, आवास और ग्रामीण विकास विभाग नहीं मिले हैं, जो राज्य के ग्रामीण जीवन से संबंधित हैं।