1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 12 नवंबर 2024 (20:37 IST)
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को एक मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से सतह पर मार करने वाली लंबी दूरी की क्रूज़ मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण किया। इस मिसाइल के निशाना चीन से लकेर पाकिस्तान तक रहेगा। 
 
परीक्षण के दौरान, सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया और प्राथमिक मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी उड़ान पथ की पूरी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए आईटीआर द्वारा विभिन्न स्थानों पर तैनात रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर द्वारा की गई थी। बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से भी लैस है।
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Maiden flight-test of Long Range Land Attack Cruise Missile (LRLACM) was conducted today from the Integrated Test Range (ITR), Chandipur off the coast of Odisha. During the test, all sub-systems performed as per expectation and met the primary mission objectives pic.twitter.com/JnJAA4Fy7n

— DRDO (@DRDO_India) November 12, 2024 >
मीडिया खबरों के मुताबिक  मिसाइल के परीक्षण के चीन और पाकिस्तान में खलबली मच जाएगी, क्योंकि यह एंटी शिप बैलिस्टिक क्रूज मिजाल है और इसकी रेंज 1000 किलोमीटर है। भारत का यह मिसाइल अरब सागर और चीन से लेकर पाकिस्तान तक के लक्ष्यों को हासिल कर सकती है। मिसाइल के जरिए अब भारत तकरीबन 1 हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर चल रहे युद्धपोतों या विमानवाहक पोतों को ढेर करने करने की क्षमता रखता है। 
 
मिसाइल को अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों के योगदान के साथ-साथ वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, हैदराबाद और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु इसके दो विकास-सह-उत्पादन-साझेदार हैं और वे मिसाइल विकास और एकीकरण में लगे हुए हैं। इस परीक्षण को विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ तीनों सेनाओं के प्रतिनिधियों, सिस्टम के उपयोगकर्ताओं ने देखा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रथम उड़ान परीक्षण पर डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह भविष्य के स्वदेशी क्रूज मिसाइल विकास कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने मिसाइल के पहले सफल प्रक्षेपण पर डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी। इनपुट भाषा