नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो की चालकरहित ट्रेन कालिंदी कुंज डिपो पर मंगलवार को एक दीवार से टकरा गई। ट्रेन को धुलाई के लिए ले जाया जा रहा था जब वह रैंप पर से पीछे की ओर फिसल गई और दीवार से टकरा गई। छह दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मजेंटा लाइन का उद्घाटन किया जाना है। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने घटना की वजह रखरखाव के दौरान हुई मानवीय गलती और लापरवाही को बताया है। डीएमआरसी की ओर से कहा गया कि इस घटना का 25 दिसंबर को होने वाले इस लाइन के शुभारंभ पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
डीएमआरसी के एक अधिकारी ने कहा कि यह खाली ट्रेन मेट्रो की नई पीढ़ी के ‘चालकरहित’ बेड़े का हिस्सा है जो करीब तीन बजकर 40 मिनट पर फिसल गई और डिपो की चारदीवारी के एक हिस्से से टकरा गई।
डीएमआरसी ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि ट्रायल ट्रेन को ब्रेक प्रणाली की जांच किए बगैर वर्कशॉप से ले जाया जा रहा था, इसके परिणामस्वरूप जब ट्रेन को धुलाई के लिए रैंप पर ले जाया जा रहा था तब यह पीछे की ओर फिसल गई और चारदीवारी से टकरा गई।
ऐसा लगता है कि यह भिड़ंत काफी जोरदार रही होगी क्योंकि इस घटना में दीवार से टकराया ट्रेन का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और दीवार का एक हिस्सा ढह गया।
डीएमआरसी की ओर से कहा गया कि कार्यकारी निदेशक स्तर के तीन अधिकारियों की समिति द्वारा उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। प्रथम दृष्टया यह मानवीय गलती और लापरवाही का मामला लगता है। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने कहा कि उच्च स्तर के स्वचालन के साथ इस लाइन पर मुख्य लाइन के परिचालन पूरी तरह सुरक्षित हैं, यात्री परिचालन के लिए मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त ने अच्छी तरह जांच के बाद मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि आज की घटना की वजह रखरखाव में मानवीय गलती है और ट्रायल या इसका भविष्य के परिचालन के दौरान यात्रियों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। (भाषा)
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