कोरोना के चलते इस बार सिर्फ 25 हजार श्रद्धालु ही कर सकेंगे वैष्णोदेवी के दर्शन

सुरेश एस डुग्गर

गुरुवार, 9 दिसंबर 2021 (18:11 IST)
जम्मू। वैष्णोदेवी के तीर्थ स्थान पर आने वाले इस बार भी शायद ही कोई रिकॉर्ड बना पाएं, क्योंकि कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते फिलहाल 25 हजार श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति है, जबकि पिछले साल भी 62 लाख श्रद्धालु वर्ष 2019 के आंकड़ों के मुकाबले कम आए थे और इस साल नवम्बर महीने के अंत तक 49.46 लाख श्रद्धालु ही आए हैं।

माता वैष्णोदेवी यात्रा में वैसे तो पूरे साल श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहता है, लेकिन सितंबर से 15 दिसंबर के बीच श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आ जाती है। इस बार तो कोरोना के कारण अनलॉक 6 से हालांकि 25 हजार श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ शिरकत करने की अनुमति तो मिली हुई है पर सर्दी तथा प्रदेश में प्रवेश करने पर फिर से लगाई जा रही अप्रत्यक्ष पाबंदियों के चलते यात्रा में शिरकत करने वालों का आंकड़ा 10000 से 21000 के बीच ही झूल रहा है।

इस साल हालत यह है कि श्राइन बोर्ड ने आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया है। दरअसल पिछले साल तीन महीनों के लॉकडाउन के बाद पहली बार दो हजार श्रद्धालुओं को आने की अनुमति मिली थी तो इसमें प्रदेश के बाहर के श्रद्धालुओं का कोटा नगण्य ही था। अब भी सबसे बड़ी दिक्कत प्रदेश के प्रवेश द्वार लखनपुर को पार करने की दिक्कतें, यात्री वाहनों के पूरी तरह से न चलने के अतिरिक्त ऑनलाइन पंजीकरण जैसे कई कारण श्रद्धालुओं के कदमों को रोक रहे हैं।

यह बात अलग है कि वर्ष 2019 में यात्रा में भक्तों के कम आने के कई कारण रहे थे। कमी के जो कारण रहे थे उनमें जनवरी 2019 में प्रयागराज में हुए महाकुंभ, फरवरी में पुलवामा आतंकी हमला, उसके उपरांत भारत व पाक के बीच तनाव, फिर लोकसभा चुनाव और अगस्त में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना प्रमुख था।

यूं तो यात्रा 12 माह ही चलती रहती है। अप्रैल से अगस्त तक यात्रा में तेजी रहती है। इन महीनों में रोजाना 35 से 45 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सितंबर से 15 दिसंबर तक यात्रा का आंकड़ा गिरकर आधा रह जाता है। 15 से 20 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

हालांकि पर्यटन विभाग, माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के अलावा होटल रेस्तरां संघ व अन्य संगठन भी यात्रा वृद्धि के प्रयास में जुटे हैं कि यात्रा में अधिक श्रद्धालुओं को आने की अनुमति दी जाए और अघोषित पाबंदियों को हटाया जाए।

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