अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार ऐसा पहली बार होगा, जब यह उपग्रह 'स्वीप एसएआर' प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए 242 किलोमीटर के दायरे और उच्च स्थानिक विभेदन क्षमता के साथ पृथ्वी का निरीक्षण करेगा। किसी तस्वीर के संबंध में उच्च स्थानिक विभेदन क्षमता का उपयोग होता है जिसमें तस्वीर में बारीक से बारीक विवरण को साफ-साफ देखा जा सकता है।
उन्होंने रविवार रात यहां हवाई अड्डे पर बताया कि इस उपग्रह को 740 किलोमीटर की ऊंचाई पर प्रक्षेपित किया जाएगा। यह उपग्रह किसी भी मौसम में और दिन-रात 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें ले सकता है। यह भूस्खलन का पता लगाने, आपदा प्रबंधन में मदद करने और जलवायु परिवर्तन की निगरानी करने में भी सक्षम है।
उपग्रह भारत, अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा : नारायणन ने कहा कि यह उपग्रह भारत, अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा। यह पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। नारायणन ने भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान मिशन' के बारे में कहा कि इस साल दिसंबर में 'व्योममित्र' नाम के एक ह्यूमनॉइड (मानव जैसे रोबोट) को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि यह मिशन सफल होता है तो अगले साल 2 मानवरहित मिशन भेजे जाएंगे। 'गगनयान मिशन' मार्च 2027 में भेजा जाएगा।(भाषा)