केंद्रीय एजेंसी के 3 सदस्यों का एक दल कुछ अन्य अधिकारियों के साथ सुबह करीब 10.30 बजे मध्य दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित पटेल के आवास 23, मदर टेरेसा क्रीसेंट पहुंचा। टीम के सदस्यों के हाथों में फाइलें नजर आईं। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर उन्होंने एहतियात के तौर पर मास्क और दस्ताने पहन रखे थे। एजेंसी के अधिकारियों ने इस मामले में पहली बार 27 जून को पटेल से 8 घंटे तक पूछताछ की थी।
अधिकारियों ने कहा कि नवीनतम सत्र में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पटेल का बयान दर्ज किया जा रहा है। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पटेल इससे पहले संप्रग अध्यक्ष तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रहे चुके हैं। वे कांग्रेस में सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्तियों में गिने जाते हैं।
यह मनी लॉन्ड्रिंग मामला गुजरात की वडोदरा स्थित स्टर्लिंग बायोटेक और उसके मुख्य प्रमोटरों- नितिन जयंतीलाल संदेसरा, चेतनकुमार जयंतीलाल संदेसरा और दीप्ति संदेसरा द्वारा 14,500 करोड़ रुपए की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है। तीनों फरार हैं। नितिन और चेतनकुमार भाई हैं।