आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी के अधिकारी विशाखापत्तनम समेत कम से कम पांच स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं। इनमें पूर्व सांसद और एक ऑडिटर के परिसर शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, एजेंसी के अधिकारियों ने छापों के दौरान कुछ दस्तावेज एकत्रित किए हैं। सत्यनारायण 2019 से 2024 तक वाईएसआरसीपी के सांसद रहे।
सत्यनारायण ने इस साल की शुरुआत में विशाखापत्तनम पूर्व सीट से आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे। उन्होंने कई तेलुगु फिल्मों का निर्माण किया है। धनशोधन का यह मामला सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने से जुड़े एक मामले में सत्यनारायण और अन्य के खिलाफ दर्ज राज्य पुलिस की एक प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है। यह जमीन वरिष्ठ नागरिकों और अनाथ बच्चों के लिए आवासीय इमारत बनाने के लिए थी।
पुलिस में दर्ज कराए गए मामले में शिकायतकर्ता सी जगदीश्वरुदु ने कहा कि वह और उनकी पत्नी अप्रैल 2006 में पंजीकृत कंपनी हैगरीवा इंफ्राटेक प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के प्रवर्तक थे। जगदीश्वरुदु ने कहा कि उन्हें आंध्र प्रदेश सरकार ने 2008 में वरिष्ठ नागरिकों और अनाथ बच्चों के लिए मकान के निर्माण के वास्ते एनडाडा गांव में 12.51 सेंट जमीन दी थी।
जगदीश्वरुदु ने पुलिस को बताया कि उन्होंने इसमें जी वेंकटेश्वर राव नामक ऑडिटर को शामिल किया, जिसने उक्त जमीन पर सरकार द्वारा निर्देशित इमारत बनाने के लिए उन्हें सत्यनारायण और गद्दे ब्रह्माजी नामक व्यक्ति से मिलाया। उनके बीच 2020 में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए, लेकिन जगदीश्वरुदु ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उनके और उनकी पत्नी के फर्जी हस्ताक्षर किए तथा उन्होंने दोनों से कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवाए, जिससे दस्तावेजों में गड़बड़ी की गई।