कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 1 साल बाद विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। कोरोना काल में यह उनका पहला विदेश दौरा है। पीएम मोदी 26 मार्च को 2 दिवसीय दौरे पर बांग्लादेश जा रहे हैं। इस समय पश्चिम बंगाल और असम में पहले चरण का मतदान होना है। इस वजह से उनके इस दौरे का चुनावी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
बांग्लादेश की आजादी के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पीएम मोदी प्रधानमंत्री 26 और 27 मार्च को बांग्लादेश पहुंचेंगे। दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी इस दौरान मतुआ समुदाय के धर्मगुरु हरिचंद्र ठाकुर की जन्मस्थली और तीर्थस्थल पर जाएंगे। ऐसा करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। नरेंद्र मोदी सुगंधा शक्तिपीठ और ओरकंडी मंदिर सरीखे धार्मिक स्थल भी जा सकते हैं।
60 सीटों पर असर रखते हैं मतुआ मतदाता : बंगाल की करीब 17 प्रतिशत आबादी इसी समुदाय से है। बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से लगभग 60 सीटों पर मतुआ समुदाय के लोग खासा असर रखते हैं। उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और नदिया जिलों आदि जिलों की 21 सीटों पर इस समुदाय के मतदाता ही उम्मीद्वारों की जीत तय करते हैं।
ममता का असर : 2010 को बीनापनी देवी यानी बोड़ो मां ने ममता बनर्जी को मतुआ समुदाय का संरक्षक घोषित कर दिया था। इसके बाद इस समुदाय ने 2011 में ममता की जीत में बड़ी भूमिका अदा की थी। 2016 के चुनाव में भी ममता को 21 में से 18 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं सीएए कानून आने के बाद भाजपा को इन 21 सीटों में से 9 पर अच्छी बढ़त मिल गई