प्रत्याशी चाहे तो कर सकता है EVM-VVPAT मिलान की मांग
मंगलवार, 21 मई 2019 (16:56 IST)
चंडीगढ़। उच्चतम न्यायालय के आज लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान हर लोकसभा क्षेत्र के हर मतदान केंद्र में इस्तेमाल सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के मिलान की मांग करती याचिका खारिज किए जाने के बावजूद प्रत्याशी चाहे तो चुनाव अधिकारी से लिखित प्रार्थना कर इसकी मांग कर सकता है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील हेमंत कुमार ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आज के आदेश के बावजूद भी अगर किसी लोकसभा सीट की मतगणना के दौरान संबंधित उम्मीदवार या उनके चुनावी एजेंट किसी भी या सभी पोलिंग स्टेशनों के संबंध में ऐसा करवाना चाहते हैं तो वह इस संबंध में क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को लिखकर प्रार्थना कर सकते हैं।
कुमार ने बताया कि ऐसा प्रावधान चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम संख्या 56 डी में हैं जिसे तत्कालीन केंद्र सरकार ने 14 अगस्त 2013 को उक्त 1961 नियमों में डाला गया था एवं उच्चतम न्यायालय ने एक की बजाय पांच-पांच पोलिंग स्टेशनों के ईवीएम-वीवीपैट जांच करवाने का अनिवार्य आदेश देते हुए उक्त प्रावधान अर्थात 56डी पर न तो कोई रोक लगाई है और न ही कोई टिप्पणी की है।
कुमार के अनुसार हालांकि संबंधित रिटर्निंग अफसर उक्त प्रार्थना करने वाले उम्मीदवार या उसके पोलिंग एजेंट की मांग को स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं है एवं वह इसे नकार भी सकता है परन्तु रिटर्निंग अफसर को इस सम्बन्ध में कोई भी निर्णय लिखित रूप से कारणों सहित लेना होगा।
कुमार ने बताया कि भारतीय चुनाव आयोग के जारी ईवीएम और वीवीपैट के सम्बन्ध में मैन्युअल में यह स्पष्ट तौर पर वर्णित है कि अनिवार्य ईवीएम-वीवीपैट की जांच चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 56 डी के अतिरिक्त होगी। उन्होंने बताया कि भारतीय चुनाव आयोग के मतगणना के बारे में जारी ताजा निर्देशों के अनुसार सर्वप्रथम ईवीएम में दर्ज वोटों की गिनती करने के बाद पहले उन वीवीपैट में वोटों की पर्चियों की जांच की जाएगी जिनके साथ संलग्न ईवीएम में किसी तकनीकी कारण के फलस्वरूप वोटों की गिनती शुद्ध रूप से नहीं की जा सकी।
कानूनन यह प्रावधान है अगर ईवीएम और वीवीपैट में मिलान करने समय दोनों में दर्ज वोटों या कागज की वोटिंग पर्चियों में विसंगति आती है तो ऐसी परिस्थिति में ईवीएम की नहीं बल्कि वीवीपैट की संख्या मान्य होगी एवं उसे रिकॉर्ड पर लिया जाएगा।
इसके बाद उम्मीदवारों या उनके पोलिंग एजेंटो के क्षेत्र के कुछ या सभी पोलिंग स्टेशनों में ईवीएम-वीवीपैट जांच करवाने सम्बन्धी की गई नियम 56डी में की गई मांग का रिटर्निंग अफसर की तरफ से आदेश पारित कर निपटारा किया जाएगा। फिर उसके बाद प्रत्येक विधानसभा हलके में से पांच-पांच पोलिंग स्टेशनों, जिनका चुनाव ड्रॉ ऑफ लॉट्स से किया जाएगा, के ईवीएम का उनके वीवीपैट के साथ मिलान करना होगा।