CWC की बैठक में चुनावी रणनीति और जाति जनगणना पर हुई चर्चा, अन्य मुद्दों पर भी होगी चर्चा

सोमवार, 9 अक्टूबर 2023 (12:22 IST)
Congress Working Committee meeting : कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की सोमवार को यहां बैठक शुरू हुई जिसमें जाति आधारित गणना और राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी रणनीति और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
 
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई वर्ष नेता शामिल हैं।
 
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में राष्ट्रव्यापी जाति आधारित गणना कराने पर पार्टी के जोर देने और भविष्य में पड़ने वाले इसके प्रभावों के अलावा चुनावी राज्यों में चुनाव संबंधी तैयारियों पर बैठक में मुख्य रूप से चर्चा की जाएगी।
 
पार्टी की ओर से जाति जनगणना का पुरजोर समर्थन किए जाने के बीच कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य एवं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने राहुल गांधी के 'जितनी आबादी, उतना हक' नारे को लेकर हाल में चिंता जताई थी और तर्क दिया था कि यह बहुसंख्यकवाद को मंजूरी देने के समान है।
 
सिंघवी की टिप्पणी से कांग्रेस के दूरी बनाने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर किए गए अपने इस पोस्ट को हटा दिया लेकिन जाति आधारित गणना के आह्वान के चल ते पार्टी के एक हिस्से में चिंता बरकरार है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है।
 
इस बीच केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर हमले तेज करते हुए कहा कि यह (कांग्रेस) कभी भी जाति आधारित गणना के पक्ष में नहीं रही है और (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी ने संसद में मंडल आयोग का विरोध किया था।
 
कांग्रेस ने भाजपा के हिंदुत्व एजेंडा का मुकाबला करने के लिए जाति आधाारित गणना पर जोर देने के वास्ते एक सैद्धांतिक रुख अपनाया है। बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद, कांग्रेस शासित राजस्थान ने भी जाति आधारित सर्वेक्षण कराने के लिए शनिवार को आदेश जारी किए।
 
कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है और मध्यप्रदेश में भाजपा, तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) तथा मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट को सत्ता से बेदखल करने की उसे उम्मीद है। कार्यसमिति की बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब कुछ विपक्षी दलों के नेता केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। इस कड़ी में हालिया कार्रवाई, दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी है।
 
कांग्रेस ने राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की गिरफ्तारी की निंदा की है लेकिन पंजाब में अपने नेताओं के खिलाफ की गई इसी तरह की कार्रवाई की आलोचना की है, जहां आम आदमी पार्टी सत्ता में है। पंजाब में मादक पदार्थ से जुड़े मामले में कांग्रेस की किसान इकाई के प्रमुख सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी की गई है। खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पुनर्गठित कार्यसमिति की यह दूसरी बैठक होगी।
 
कांग्रेस कार्यसमिति की पिछली बैठक 16 और 17 सितंबर को हैदराबाद में हुई थी। कार्यसमिति के पुनर्गठन के बाद यह पहली बैठक थी। उस बैठक में कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) की पहल को वैचारिक एवं चुनावी सफलता दिलाने का संकल्प लिया था।
 
पार्टी ने यह भी कहा था कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो तथा लोगों को एक पारदर्शी, जवाबदेह एवं जिम्मेदार केंद्र सरकार मिले। कार्यसमिति की पिछली बैठक में पारित प्रस्ताव में जातिगत जनगणना की मांग भी उठाई गई और कहा गया कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा बढ़ाई जाए।
 
बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं, चीन के साथ सीमा विवाद, अडाणी समूह से जुड़े मामले तथा कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया था।
 
कांग्रेस ने 20 अगस्त को अपनी कार्यसमिति का पुनर्गठन किया था जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। कार्यसमिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। इसमें सचिन पायलट और शशि थरूर जैसे नेताओं को पहली बार जगह मिली है।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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