अधिवक्ता मनोहरलाल शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख करते हुए इसकी सुनवाई की तारीख तय करने का अनुरोध किया जिस पर सुनवाई करने पर उच्चतम न्यायालय ने हामी भर दी। इससे पहले न्यायालय ने इस मामले सुनवाई की कोई तारीख तय नहीं की थी, लेकिन केन्द्र सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों के बाद बसपा की मुखिया मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई अन्य राजनीतिक दलों ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। सुश्री मायावती ने 11 मार्च को उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव के घोषित नतीजों में भाजपा की प्रचंड जीत पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए आरोप लगाया था कि ईवीएम के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की गई है।
केजरीवाल ने भी पंजाब विधानसभा चुनाव में आप की हार को लेकर ईवीएम में कथित गड़बडियों को लेकर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि गड़बड़ियों की वजह से आप पार्टी के 25 प्रतिशत वोट कांग्रेस को हस्तांतरित करा दिए गए। उन्होंने इसके बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों के चुनाव मतपत्रों के जरिये कराए जाने की मांग कीथी। हालांकि उनकी इस मांग को खारिज कर दिया गया।