इंजीनियर अतुल सुभाष की दर्दनाक कहानी, भाई ने कहा- लोग शादी करने से डरेंगे

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 11 दिसंबर 2024 (13:40 IST)
Engineer Atul Subhash painful story: अमिताभ बच्चन की एक फिल्म आई थी 'मर्द'। इसका एक डायलॉग काफी मशहूर हुआ था- मर्द को दर्द नहीं होता। लेकिन, अतुल सुभाष की कहानी सामने आने के बाद लगता है कि मर्द को भी दर्द होता है। दर्द भी इतना कि इसकी परिणति आत्महत्या में होती है। दरअसल, इंजीनियर अतुल ने पत्नी निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania) और उसके परिजनों से तंग आकर मौत को गले लगा लिया। अतुल ने अपनी पीड़ा बयां करने के लिए 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और एक घंटे से ज्यादा का वीडियो भी बनाया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे पीड़ा के किस दौर से गुजर रहे थे। 
 
अतुल सुभाष ने पत्नी निकिता और उसके परिवार पर उत्पीड़न और जबरन रुपए वसूलने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं अतुल के पत्र ने हमारी न्याय व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठा दिया है। उन्होंने फैमिली कोर्ट की जर्ज रीता कौशिक पर भी घूस लेने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में एफआई दर्ज कर ली है। ALSO READ: Marriage : 3 करोड़ की डिमांड, 1.20 घंटे का वीडियो और 24 पेज का लेटर वायरल, 34 साल के AI इंजीनियर का सुसाइड, हिलाकर रख देगी दर्दनाक कहानी
क्या हैं अतुल के भाई के आरोप : अतुल के भाई विकास ने एफआईआर में आरोप लगाया कि निकिता के परिवार वाले अतुल को धमकाते थे। बेटे से मिलने के लिए 30 लाख रुपए मांगते थे। अतुल का बेटा निकिता के पास रहता था। अतुल के भाई विकास मोदी ने आरोप लगाया कि निकिता के परिजन उससे करोड़ों रुपए मांगते थे। वे कहते थे कि 3 करोड़ रुपए दो नहीं तो जिंदा नहीं रहोगे। अतुल के भाई विकास ने सरकार से मांग की है कि यदि ऐसा ही रहा तो लोग शादी करने से डरेंगे। 
 
अतुल का मामला सोशल मीडिया पर भी हॉट टॉपिक बना हुआ है। रोजी नाम की एक यूजर ने एक्स पर लिखा- निकिता सिंघानिया और उसके परिजनों को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए गिरफ्तार करना चाहिए। लोगों को भी निकिता और उसके परिजनों का बहिष्कार करना चाहिए। रोजी ने आगे लिखा कि कंपनी को निकिता को नौकरी से निकाल देना चाहिए। 
एन सिंह ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि तथ्य यह है कि पुरुष भी टूटते हैं। निकिता सिंघानिया और जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक ने उनका मजाक उड़ाया और उनकी आत्महत्या के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। लैंगिक समानता अब दुनिया का सबसे बड़ा मजाक है, भारत की न्याय प्रणाली एक मजाक है।
लोकेश ने लिखा- दहेज लेना गैरकानूनी है, लेकिन गुजारा भत्ता के नाम ब्लैकमेलिंग कानूनी है, वह भी अपने पैरों पर खड़ी एक महिला के लिए। 
यादव कुंदन ने लिखा- मर्द का दर्द समझने वाला कोई नहीं है। अतुल सुभाष के परिवार ने PM मोदी से लगाई न्याय की गुहार। अतुल के परिवार का कहना है कि भारत में सिर्फ महिलाओं के लिए सारे कानून बने हुए हैं। पुरुषों के लिए भी आयोग की मांग है।

 

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